हमारी योजनाओं से लाखों भारतीय किसान लाभान्वित हो रहे हैं
बैंक ऑफ बड़ौदा, ग्रामीण भारत के लिए, ग्रामीण भारत के साथ
कृषि स्नातकों द्वारा एग्रीकलीनिक एवं एग्री बिजनेस केंद्रों की स्थापना
-
लाभ
-
विशेषताएं
-
पात्रता मानदंड
-
दस्तावेज़
-
शुल्क
-
अति महत्वपूर्ण नियम व शर्तें (एमआईटीसी)
कृषि स्नातकों द्वारा एग्रीकलीनिक एवं एग्री बिजनेस केंद्रों की स्थापना : लाभ
- कृषि स्नातकों और अन्य तकनीकी रूप से योग्य उद्यमियों द्वारा कृषि क्लिनिक और कृषि कारोबार केंद्र स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है
- किसी व्यक्ति द्वारा परियोजना के लिए अधिकतम रु. लाख ऋण की अनुमति है
- व्यक्तियों के समूह द्वारा परियोजना के लिए अधिकतम रु.20 लाख प्रति प्रशिक्षित व्यक्ति और कुल सीमा की अनुमति रु.100 लाख है
- रु.5 लाख तक के ऋण के लिए कोई संपार्श्विक नहीं
- रु.5 लाख तक के ऋण के लिए मार्जिन: शून्य
- नाबार्ड के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं
कृषि स्नातकों द्वारा एग्रीकलीनिक एवं एग्री बिजनेस केंद्रों की स्थापना : विशेषताएं
- कृषि क्लिनिक और कृषि कारोबार केंद्र की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता कृषि उद्यमी के कारोबार मॉडल के अनुरूप भुगतान के आधार पर पर अथवा मुफ्त में किसानों को ऋण सुविधा में विस्तार एवं अन्य सेवाएं उपलब्ध कराके सार्वजनिक विस्तार संबंधी कार्यों के लिए जो कि उनकी स्थानीय जरूरतों एवं लक्ष्य को वहन करने कि क्षमता पर निर्भर होता है.
कृषि स्नातकों द्वारा एग्रीकलीनिक एवं एग्री बिजनेस केंद्रों की स्थापना : पात्रता मानदंड
- कृषि और संबद्ध विषयों में एसएयू / केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों / आईसीएआर / यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों से स्नातक. अन्य एजेंसियों द्वारा प्रस्तावित कृषि और संबद्ध विषयों में डिग्री धारक भी राज्य सरकार की सिफारिश पर कृषि और सहकारिता विभाग, भारत सरकार के अनुमोदन के अधीन इसके लिए पात्र हैं.
- राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, राज्य कृषि और संबद्ध विभागों और राज्य तकनीकी शिक्षा विभाग से कृषि और संबद्ध विषयों में डिप्लोमा (कम से कम 50% अंकों के साथ) / स्नातकोत्तर डिप्लोमा धारक.
- अन्य एजेंसियों द्वारा प्रस्तावित कृषि और संबद्ध विषयों में डिप्लोमा धारक भी राज्य सरकार की सिफारिश पर कृषि और सहकारिता विभाग, भारत सरकार के अनुमोदन के अधीन पात्र हैं.
- कृषि और संबद्ध विषयों में स्नातकोत्तर के साथ जैविक विज्ञान स्नातक.
- यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों में डिग्री धारक जिनके पास कृषि और संबद्ध विषयों में पाठ्यक्रम सामग्री 60 प्रतिशत से अधिक है.
- बीएससी के बाद कृषि और संबद्ध विषयों में 60 प्रतिशत से अधिक अंकों के साथ निर्धारित पाठ्यक्रमों में डिप्लोमा / स्नातकोत्तर डिप्लोमा धारक. मान्यता प्राप्त कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से जैविक विज्ञान के साथ.
- इंटरमीडिएट (यानी प्लस टू) स्तर पर कृषि संबंधी पाठ्यक्रम मे कम से कम 55% अंक.
कृषि स्नातकों द्वारा एग्रीकलीनिक एवं एग्री बिजनेस केंद्रों की स्थापना : दस्तावेज़
- केवाईसी दस्तावेज़ (आधार, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि)
- पासपोर्ट आकार का फोटो
- भू अभिलेख
- कोटेशन/चालान (यदि उपलब्ध हो)
- परियोजना रिपोर्ट (यदि उपलब्ध हो)
- आईटी रिटर्न (यदि उपलब्ध हो)
कृषि स्नातकों द्वारा एग्रीकलीनिक एवं एग्री बिजनेस केंद्रों की स्थापना : शुल्क
प्रोसेसिंग शुल्क:
- रु. 3.00 लाख तक कुल कृषि एक्सपोजर - शून्य
- रु.3 लाख से अधिक - स्वीकृत सीमा का 1% अधिकतम रु.100 लाख
निरीक्षण शुल्क:
- कुल कृषि ऋण रु. 3.00 लाख- शून्य
- रु.3 लाख से अधिक रु.10 लाख - रु 250
- रु.10 लाख से अधिक और रु.1 करोड़ तक - रु.1000
- रु. 1 करोड़ से अधिक - रु. 5000
कृषि स्नातकों द्वारा एग्रीकलीनिक एवं एग्री बिजनेस केंद्रों की स्थापना : अति महत्वपूर्ण नियम व शर्तें (एमआईटीसी)
ऋण राशि |
|
||||||||||||
|
|
||||||||||||
चुकौती अवधि |
5 से 10 वर्ष के बीच और क्रियाकलापों के स्वरूप पर निर्भर करेगा. अधिकतम 2 वर्ष की मोहलत. |
||||||||||||
मार्जिन |
रु 5 लाख तक के ऋण के लिए- शून्य रु 5 लाख से अधिक के ऋण के लिए– 15% |
||||||||||||
ब्याज दर |
|
टिप्पणी : बैंक अपने विभिन्न उत्पादों की बिक्री/विपणन आदि हेतु एजेंट की सेवाओं का उपयोग कर सकता है।
सहायता चाहिए ?
-
टोल फ्री नंबर .
विदेश से कॉल करने वाले
घरेलू ग्राहकों के लिए 24x7 उपलब्धता:
+91 79-66296009
-
एग्री क्लिनिक एवं एग्री व्यवसाय क्या है ?
यह कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा नाबार्ड के सहयोग से देश भर में खेती से संबन्धित बेहतर तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान करने हेतु चलाया जाने वाला एक कार्यक्रम है। कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र द्वारा तकनीकी रूप से योग्य स्नातक व्यक्ति को इसकी सुविधा प्रदान की जाती है.
-
एसीएबीसी योजना का उद्देश्य क्या है ?
कृषि-क्लिनिक और कृषि-व्यवसाय ऋण (एसीएबीसी) एक ऐसी योजना है जो प्रत्येक किसान के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए तकनीकी सहायता और व्यावसायिक ज्ञान प्रदान करती है। यह कृषि स्नातकों एवं योग्य उद्यमी किसानों को उनके कार्यों में सहायता प्रदान करती है.