भारत में पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना
आज ही पीएम-विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करें और अपने शिल्प को बढ़ाने, अपनी बाजार पहुंच का विस्तार करने और समृद्ध भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक कदम उठाएं।
पीएम-विश्वकर्मा योजना
-
उद्देश्य
-
लाभ
-
विशेषताएं
-
पात्रता
-
ब्याज दर और प्रभार
पीएम-विश्वकर्मा योजना : उद्देश्य
- पीएम-विश्वकर्मा योजना भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके विकास और वृद्धि के लिए व्यापक सहयोग के माध्यम से सशक्त बनाना है।
- यह केंद्रीय क्षेत्र की योजना कारीगरों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें घरेलू और वैश्विक दोनों मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकृत करने का प्रयास करती है।
- यह कारीगरों को आगे बढ़ने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार से प्रत्यक्ष रूप से वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण और विभिन्न लाभ प्रदान करता है।
- बैंक ऑफ बड़ौदा में, हम पीएम-विश्वकर्मा योजना के माध्यम से कारीगरों/ शिल्पकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार की पहल का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बैंक उद्यमिता को बढ़ावा देने और भारत में एमएसएमई क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है।
- अधिक जानकारी के लिए, कृपया बैंक ऑफ़ बड़ौदा की नज़दीकी शाखा में संपर्क करें अथवा हमारी ग्राहक सहायता टीम से संपर्क करें।
पीएम-विश्वकर्मा योजना : लाभ
पीएम विश्वकर्मा दिशानिर्देशों के अनुसार, इस योजना को निम्नलिखित घटकों के माध्यम से कारीगरों और शिल्पकारों को एंड-टू-एंड सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है:
- मान्यता और प्रमाणन : कारीगरों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से उनकी शिल्प कौशल के लिए भारत सरकार से आधिकारिक मान्यता प्राप्त होती है, जो उद्योग के भीतर उनकी विश्वसनीयता और विपणन क्षमता को बढ़ाती है।
- कौशल उन्नयन :अपने शिल्प को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा नामित प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा प्रदान किए गए कौशल प्रशिक्षण से लाभ उठाएं।
- टूलकिट प्रोत्साहन :सरकार द्वारा प्रदान किए गए ई-वाउचर के माध्यम से आधुनिक उपकरणों के लिए ₹15,000 तक प्राप्त करें।
- ऋण सहायता : पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल को सुदृढ़ करने और सहयोग करने के लिये यह योजना वहनीय ऋण तक पहुँच की सुविधा प्रदान करती है। लाभार्थियों को क्रेडिट सहायता के लिए अर्हता प्राप्त करने से पहले भारत सरकार से कौशल मूल्यांकन और आवश्यक प्रशिक्षण पूरा करना होगा।
- डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन : अपने बैंक खाते में सीधे अंतरण के साथ, मासिक रूप से 100 लेनदेन तक के लिए ₹1 प्रति लेनदेन प्रोत्साहन कमाएं।
- विपणन सहायता : अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लिस्टिंग, व्यापार मेला भागीदारी और बाजार लिंकेज में सरकारी सहयोग प्राप्त करें।
पीएम-विश्वकर्मा योजना : विशेषताएं
इस योजना में कई प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं:
- संपार्श्विक-मुक्त ऋण : दो किश्तों में ₹3 लाख तक के संपार्श्विक-मुक्त उद्यम विकास ऋण तक पहुंचें: पहली किश्त 18 महीने की अधिकतम अवधि के साथ ₹ 1 लाख तक के ऋण की अनुमति देती है, जबकि दूसरी किश्त अधिकतम 30 महीने के कार्यकाल के साथ ₹ 2 लाख तक के ऋण की पेशकश करती है।.
- महिला कारीगरों और अधिकारहीन समूहों के लिए सहयोग : यह योजना महिला कारीगरों को सशक्त बनाती है, लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है तथा कार्यबल में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करती है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), दिव्यांग व्यक्तियों, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, साथ ही भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों, द्वीप प्रांतों और पहाड़ी क्षेत्रों के निवासियों सहित अधिकारहीन या वंचित समुदायों के व्यक्तियों का उत्थान करना है।
- बीमा कवरेज : यह योजना उन बीमा योजनाओं तक पहुंच प्रदान करती है जो अप्रत्याशित घटनाओं के विरुद्ध वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है जिससे कारीगरों की आजीविका का संरक्षण सुनिश्चित होता है।
पीएम-विश्वकर्मा योजना : पात्रता
पीएम-विश्वकर्मा योजना के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए आवेदकों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा :
- भारत का निवासी होना चाहिए तथा किसी पारंपरिक शिल्प या व्यापार में स्व-नियोजित होना चाहिए।
- पंजीकरण के समय न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
- पिछले 5 वर्षों में स्व-नियोजन/ कारोबार विकास के लिए केंद्र या राज्य सरकार की समान ऋण-आधारित योजनाओं के अंतर्गत ऋण लाभ नहीं लिया होना चाहिए। हालांकि, मुद्रा अथवा स्वनिधि के तहत पूरी तरह से चुकाए गए ऋण पात्र हैं।
- प्रति परिवार केवल एक सदस्य (पति/पत्नी अथवा अविवाहित बच्चे) आवेदन कर सकते हैं।
- सरकारी कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्य इसके लिए पात्र नहीं हैं।
- आवेदन के समय क्रेडिट ब्यूरो रिपोर्ट में दर्शाए गए मानक होने चाहिए।
- आवेदकों को हमारे बैंक के साथ केवाईसी अनुरूप होना चाहिए।
- केवल पीएम विश्वकर्मा पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत आवेदनों पर ही विचार किया जाएगा।
- इस योजना में निम्नलिखित 18 पारंपरिक व्यापार शामिल हैं:
1. कार्पेन्टर(सुतार/बढ़ई)
2. लोहार
3. नाव निर्माता
4. कवच निर्माता
5. हथौड़ा और टूल किट निर्माता
6. ताला बनाने वाला
7. स्वर्णकार(सुनार)
8. मूर्तिकार(पत्थर तराशने वाला)
9. मिट्टी के बर्तन बनाने वाला(कुम्हार)
10. मोची/ जूते बनाने वाला
11. टोकरी/ चटाई/ झाड़ू बनाने वाले/ जूट बुनकर
12. राजगीर (राजमिस्त्री)
13. हज्जाम (नाई)
14. माला बनाने वाला (मालाकार)
15. कपड़े धोने वाला (धोबी)
16. टेलर (दर्ज़ी)
17. मछली पकड़ने का जाल निर्माता
18. पारंपरिक गुड़िया और खिलौना निर्माता
पीएम-विश्वकर्मा योजना : ब्याज दर और प्रभार
ब्याज दर : लाभार्थियों के लिए ऋण पर प्रति वर्ष 5% स्थिर रियायती ब्याज दर निर्धारित की गई है। भारत सरकार बैंकों को प्रति वर्ष 8% तक की ब्याज अनुदान प्रदान करती है।
दस्तावेज़ीकरण :
- पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए समग्र ऋण समझौता
- आवेदक को ऋण प्रसंस्करण के लिए भौतिक रूप से पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र, आईडी कार्ड अथवा प्रशिक्षण का प्रमाण जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
- योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार स्टॉक/ उपकरण के लिए अलग से बीमा की आवश्यकता नहीं है.
मार्जिन आवश्यकताएं : शून्य
अन्य लागू प्रभार : किस्तों, ब्याज या सेवा प्रभारों में चूक के साथ-साथ उधारकर्ता द्वारा ऋण अनुबंध या मंजूरी पत्र के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का अनुपालन न करने पर दंडात्मक प्रभार लागू होते हैं। ये प्रभार बैंक की वेबसाइट https://www.bankofbaroda.co.in पर 'ब्याज दर और सेवा प्रभार' के अंतर्गत प्रदर्शित किए गए हैं।
अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
सहायता चाहिए ?
-
टोल फ्री नंबर .
विदेश से कॉल करने वाले
घरेलू ग्राहकों के लिए 24x7 उपलब्धता:
+91 79-66296009