निष्क्रिय खाते/अदावित खाते (10 वर्ष व इससे अधिक) से संबंधित नीतिगत दिशानिर्देश
- डी.ई.ए.एफ दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि किसी खाते में इसके पिछले परिचालन की तारीख से 10 वर्ष व इससे अधिक समय तक लेनदेन नहीं किया जाता है (ब्याज क्रेडिट और सेवा शुल्क डेबिट के अलावा) तो ऐसे खातों को निष्क्रिय खाता (10 वर्ष व इससे अधिक) / अदावित जमा के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.
- ग्राहक/उत्तरजीवी/कानूनी उत्तराधिकारी/अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता, जैसा भी मामला हो, खाते को सक्रिय करके इसकी आदावित जमा राशि के लिए अपना दावा दर्ज कर सकते हैं,
- स्वयं द्वारा दावा : ग्राहक अनुरोध पत्र (दिए गए प्रारूप - अनुबंध 2 में) के साथ बैंक की आधार शाखा में जा सकते हैं और पहचान, पते और नवीनतम फोटोग्राफ का वैध प्रमाण प्रस्तुत कर सकते हैं। उसी शाखा के सत्यापन पर खाते को ऑपरेटिव श्रेणी में परिवर्तित किया जाएगा और खाते में लेनदेन की अनुमति दी जाएगी।
- कानूनी उत्तराधिकारी/नामित व्यक्ति द्वारा दावा : दावा प्रक्रिया के लिए, कानूनी उत्तराधिकारी/नामित व्यक्ति बैंक की आधार शाखा में जाकर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कर सकता है और उसे बैंक की दावा निपटान प्रक्रिया का अनुपालन करना होगा
- गैर-व्यक्तियों द्वारा दावा : गैर-व्यक्तिगत खातों के दावे के लिए, ग्राहक को अपनी वैध पहचान और पते के प्रमाण के साथ कंपनी/फर्म/ संस्थान के लेटरहेड पर अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित दावा फॉर्म जमा करना होगा। ग्राहक को बैंक द्वारा किए गए अनुरोध के अनुरूप ऐसे अन्य दस्तावेज़ भी जमा करना आवश्यक हो सकता है.
दावा प्रक्रिया निम्न अनुसार है : -
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