आपके घर में यूं ही रखे हुए सोने की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस योजना के अंतर्गत जमा करें और इस पर ब्याज भी अर्जित करें.
गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना
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लाभ
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विशेषताएं
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पात्रता
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प्रक्रिया
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सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना : लाभ
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- आपके लॉकर / घर / ट्रस्ट में यूं ही रखे हुए सोने पर ब्याज अर्जित करने का अवसर
- वर्तमान में सोना रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले लॉकर शुल्क की बचत करें
- इसके अंतर्गत सोना बार, सिक्कों और आभूषणों के रूप में स्वीकार किया जाता है.
- प्रसिद्ध रिफाइनर के साथ टाइअप - सोने की शुद्धता की जांच के साथ-साथ सीपीटीसी केंद्र में अपनी उपस्थिति में सोने का आकलन भी करें.
- गोल्ड मोनिटाइजेशन योजना, 2015 के अंतर्गत बॉब की 102 शाखाएं (पूरे भारत में) स्वर्ण जमा स्वीकार करने के लिए प्राधिकृत हैं.
गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना : विशेषताएं
- आपके लॉकर / घर / ट्रस्ट में यूं ही रखे हुए सोने पर ब्याज अर्जित करें.
- सोना रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले लॉकर शुल्क की बचत करें.
- गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना, 2015 के अंतर्गत बॉब की 102 शाखाएं (पूरे भारत में) स्वर्ण जमा स्वीकार करने के लिए प्राधिकृत हैं.
- Check your Gold purity in your presence at our authorized CPTC Centres
गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना : पात्रता
- निवासी भारतीय [व्यक्ति, एचयूएफ, प्रोपराइटरशिप और भागीदारी फर्म, सेबी (म्यूचुअल फंड) विनियमों के अंतर्गत पंजीकृत म्युचुअल फंड / एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सहित ट्रस्ट, कंपनियां, धर्मार्थ संस्थान, केंद्र सरकार, राज्य सरकार या केंद्र सरकार या राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कोई अन्य संस्था] इस योजना के अंतर्गत सोना जमा कर सकटी हैं.
- दो या दो से अधिक पात्र जमाकर्ताओं को संयुक्त जमा की अनुमति है और ऐसे मामले में इसे इन जमाकर्ताओं के नाम पर खोले गए संयुक्त जमा खाते में रखा जाएगा. नामांकन सहित बैंक जमा के संयुक्त परिचालन संबंधी मौजूदा नियम स्वर्ण जमा योजना पर लागू होंगे.
गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना : प्रक्रिया
- बैंक के मौजूदा बचत ग्राहक गोल्ड मोनिटाइजेशन योजना (जीएमएस) का लाभ उठाने के लिए प्राधिकृत शाखाओं से संपर्क कर सकते हैं.
- गैर बॉब ग्राहकों के लिए, ग्राहक बैंक में बचत / चालू खाता खोल सकते हैं और गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना का विकल्प चुन सकते हैं.
- शाखा में जीएमएस आवेदन फॉर्म भरें और फिर 7 दिनों के अंदर ग्राहक प्रति लेकर निकटतम संग्रहण और शुद्धता परीक्षण केंद्र (सीपीटीसी) / जीएमसीटीए पर जाएं.
- सोना पिघलाने की प्रक्रिया के लिए सहमति पत्र के साथ अपना सोना जमा करें. सीपीटीसी / जीएमसीटीए द्वारा सोने की मात्रा और शुद्धता के विवरण के साथ जमा रसीद प्रदान किया जाना है.
- ग्राहकों को कूरियर से एवं पंजीकृत ई-मेल आईडी पर सोने की मात्रा, शुद्धता और योजना के विवरण सहित जमा प्रमाणपत्र प्राप्त होगा.
गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना : सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
- जमा की मात्रा :
- न्यूनतम: कभी भी एक बार में 10 ग्राम कच्चा सोना (स्टोन एवं अन्य धातुओं को छोड़कर बार, सिक्के, और आभूषण)
- अधिकतम : कोई सीमा नहीं
- शुद्धता: 995 शुद्ध
- योजना :
- मध्यावधि सरकारी जमा (एमटीजीडी)
- दीर्घावधि सरकारी जमा (एलटीजीडी)
- मध्यावधि सरकारी जमा (एमटीजीडी) :
- 5 - 7 वर्ष की अवधि
- ब्याज दर : 2.25 % प्रति वर्ष
- लॉक इन अवधि / - 3 वर्ष
- दीर्घकालिक सरकारी जमा (एलटीजीडी) :
- 12 - 15 वर्ष की अवधि
- ब्याज दर : 2.50% प्रति वर्ष
- लॉक इन अवधि : 5 वर्ष
- ब्याज को भारतीय रुपए में दर्शाया गया है तथा जमा करने की तारीख पर लागू सोने के मूल्य पर भुगतान किया जाएगा.
- केंद्र सरकार की ओर से बैंकों द्वारा जमा स्वीकार किए जाते हैं और केंद्र सरकार की ओर से जमा रसीद और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाते हैं.
- ऐसी न्यूनतम लॉक-इन अवधि तथा दंड के अधीन पूर्ण या आंशिक समयपूर्व निकासी की अनुमति है (जमाकर्ता के विकल्प पर परिपक्वता पर मूलधन का मोचन, मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर भारतीय रुपये या सोने के रुप में होगा) । तथापि एमएलटीजीडी का कोई भी समयपूर्व विमोचन केवल भारतीय रुपये में होगा.)
सहायता चाहिए ?
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टोल फ्री नंबर .
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घरेलू ग्राहकों के लिए 24x7 उपलब्धता:
+91 79-66296009
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स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना वास्तव में क्या है ?
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS), जो मौजूदा "गोल्ड डिपॉजिट स्कीम (GDS)" और गोल्ड मेटल लोन स्कीम (GML) का संशोधित स्वरूप है, का उद्देश्य देश के घरों और संस्थानों द्वारा रखे गए सोने को संग्रहित करना और उत्पादक उद्देश्यों के लिए इसके उपयोग को सुविधाजनक बनाना तथा लंबे समय में सोने के आयात पर देश की निर्भरता को कम करना भी है.
स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना स्वर्ण जमाकर्ताओं को उनके बैंक जमा खातों पर ब्याज देती है । खाते में सोना जमा होने के साथ ही इस पर ब्याज मिलना शुरू हो जाता है। यह सोना किसी भी रूप में हो सकता है, जैसे बुलियन या आभूषण.
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कौन से बैंक स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना उपलब्ध कराते हैं ?
आरआरबी को छोड़कर सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक इस योजना को लागू करने के लिए पात्र हैं
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स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना के अंतर्गत सोना जमा करने के लिए कौन पात्र है ?
कोई व्यक्ति, एचयूएफ, प्रोपराइटरशिप और पार्टनरशिप फर्म, सेबी (म्यूचुअल फंड) विनियमों के तहत पंजीकृत म्यूचुअल फंड / एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सहित ट्रस्ट, कंपनियां, धर्मार्थ संस्थाएं, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, या केंद्र सरकार या राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कोई अन्य संस्था योजना के अंतर्गत जमा करने के लिए पात्र हैं। योजना के तहत दो या दो से अधिक पात्र जमाकर्ताओं के संयुक्त जमा की भी अनुमति है, और जमा को उनके नाम पर खोले गए संयुक्त जमा खाते में जमा किया जाएगा। ये स्वर्ण जमा नामांकन सहित बैंक जमा खातों के संयुक्त परिचालन को नियंत्रित करने वाले मौजूदा नियमों के अधीन होंगे.
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स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना में न्यूनतम निवेश कितना है ?
लघु जमा को भी प्रोत्साहित करने के लिए जमा की न्यूनतम मात्रा 10 ग्राम रखी गई है
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क्या मुझे अपने सोने पर ब्याज मिल सकता है ?जी हां, मूलधन को सोने (ग्राम) में दर्शाया गया है और ब्याज को INR में दर्शाया गया है। मैच्योरिटी पर INR में ब्याज का भुगतान किया जाता है.
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स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना में ब्याज दर क्या है ?
एमटीजीडी के लिए ब्याज दर 2.25% प्रति वर्ष है
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स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना कैसे काम करती है?
किसी ग्राहक द्वारा बैंक में सोना (आभूषण) लाने पर सर्वप्रथम इसके शुद्धता की जांच की जाएगी और ग्राहक की सहमति के बाद उसे पिघलाया जाएगा। संग्रह केंद्र द्वारा एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा जिसमें सोने की मात्रा और शुद्धता का उल्लेख होगा जिसे स्वर्ण जमा खाता खोलने के लिए बैंक में प्रस्तुत करना होगा। सोने का परिमाण ग्राहक के खाते में जमा की जाएगी
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स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना में आपके स्वर्ण आभूषणों का क्या होता है ?
आभूषण को पिघलाकर 995 शुद्धता बार में बदला जाता है। 995 सूक्ष्मता में वजन को ग्राहक के स्वर्ण जमा खाते में जमा किए जाने वाले अंतिम परिमाण के रूप में माना जाता है
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स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना के मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?
स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना के मुख्य उद्देश्य निम्न अनुसार हैं
- देश में घरों और संस्थानों द्वारा रखे गए सोने को जुटाना
- आभूषण कारोबारियों को बैंकों से कर्ज पर सोना उपलब्ध कराना
- आयात पर निर्भरता कम करना
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स्वर्ण मोनेटाइजेशन योजना कब शुरू की गई थी ?केंद्र सरकार ने अपने कार्यालय ज्ञापन एफ.सं.20/6/2015-एफटी दिनांक 15 सितंबर, 2015 द्वारा इस योजना का शुभारंभ किया.