गृह ऋण ईएमआई कैलकुलेटर
गृह ऋण ईएमआई कैलकुलेटर
  • ऋण राशि:

    100000
    100000000
    5000000
  • अवधि (माह):

    12
    360
    240
  • ब्याज दर:

    5%
    15%
    8.40
  • की एक समान मासिक किश्त (ईएमआई)

  • त्यौहारों से संबंधित ऑफर
  • लाभ
  • विशेषताएं
  • पात्रता
  • ब्याज दर एवं प्रभार
  • आवश्यक दस्तावेज़
  • सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)

बडौदा गृह ऋण : त्यौहारों से संबंधित ऑफर

बडौदा गृह ऋण : विशेषताएं

  • सभी ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुरूप गृह ऋण
  • अनुमोदित गृह ऋण की राशि आवेदक के स्थान एवं आय के अनुसार भिन्न हो सकती है.
  • कम ब्याज दर
  • कम प्रोसेसिंग शुल्क
  • कोई अप्रत्यक्ष शुल्क नहीं
  • कोई पूर्व भुगतान दंड नहीं
  • यह ब्याज दर बड़ौदा रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (बीआरएलएलआर) से लिंक होता है और इसे मासिक आधार पर रिसेट किया जाता है.
  • दैनिक घटती शेष राशि पर ब्याज प्रभारित किया जाता है
  • 30 वर्षों तक चुकौती अवधि
  • ऋण के संवितरण के पश्चात 36 माह तक की अधिस्थगन अवधि.
  • सामान्यत: हम निर्मित अथवा खरीदी गई संपत्ति के मोर्गेज को संपार्श्विक के रूप में स्वीकार करते है. कुछ मामलों में बीमा पॉलिसी, सरकारी वचन पत्र, शेयर व डिबेंचर, स्वर्ण आभूषण एवं अन्य सम्पत्तियों आदि को गृह ऋण के लिए संपार्श्विक के रूप में स्वीकार किया जा सकता है.

बडौदा गृह ऋण : पात्रता

निवासी का प्रकार :
  • निवासी भारतीय
  • भारतीय पासपोर्ट धारक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) या विदेशी पासपोर्ट धारक भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) या भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई)

न्यूनतम आयु:
  • आवेदक : 21 वर्ष
  • सह-आवेदक :- 18 वर्ष
  • अधिकतम आयु : 70 वर्ष
  • ऋण अवधि : 30 वर्ष तक

अधिकतम ऋण राशि
  • मुंबई: रु. 20 करोड़
  • हैदराबाद, नई दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित) और बेंगलुरु : रु. 7.50 करोड़
  • अन्‍य मेट्रो : रु. 5.00 करोड़
  • शहरी क्षेत्र रु. 3.00 करोड़
  • अर्द्ध शहरी और ग्रामीण : रु. 1.00 करोड़
  • चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली : रु 5.00 करोड़

बडौदा गृह ऋण : ब्याज दर एवं प्रभार

उत्पाद शर्तें रेपो रेट + स्‍प्रेड प्रभावी ब्याज दर
गैर स्‍टाफ सदस्‍यों को बड़ौदा गृह ऋण
शर्ते
वेतनभोगी के लिए
रेपो रेट + स्प्रेड

बीआरएलएलआर - 0.75% से बीआरएलएलआर + 1.45% तक

ब्याज का प्रभावी दर
0.00%
शर्ते
गैर वेतनभोगी के लिए
रेपो रेट + स्प्रेड
बीआरएलएलआर - 0.75% से बीआरएलएलआर + 1.45% तक
ब्याज का प्रभावी दर
0.00%

* नोट:

  • आवेदक को प्राप्त होने वाले ऋण सीमा और सिबिल स्कोर पर ब्याज दर निर्भर होता है।
  • जिन ग्राहकों ने क्रेडिट बीमा कवर प्राप्त नहीं किया है उन्हें 0.05% का रिस्क प्रीमियम लगेगा।

नियत दर:

उत्पाद शर्ते रेपो रेट + स्प्रेड ब्याज का प्रभावी दर
गैर-कर्मचारी स्टाफ सदस्यों हेतु बड़ौदा गृह ऋण
शर्ते
वेतनभोगी के लिए*
रेपो रेट + स्प्रेड

बीआरएलएलआर+1.00% से बीआरएलएलआर + 2.35%

ब्याज का प्रभावी दर
0.00%
शर्ते
गैर-वेतनभोगी के लिए*
रेपो रेट + स्प्रेड
बीआरएलएलआर+1.10% से बीआरएलएलआर+2.45%
ब्याज का प्रभावी दर
0.00%

प्रोसेसिंग शुल्क :
  1. गैर-डीएसए (डिजिटल या नॉन-डिजिटल)के माध्यम से प्राप्त टेकओवर लीड के लिए –

    शून्य, 1,500/- रुपये के लॉगिन शुल्क के अधीन जिसे प्रथम संवितरण पर वापस किया जाना है।

  2. अप्रूव्ड प्रोजेक्ट में गृह ऋण के लिए (डिजिटल या नॉन-डिजिटल):

    प्रोसेसिंग शुल्क में 100% छूट, ₹3,500.00 + जीएसटी (प्रति प्रॉपर्टी)के आउट-ऑफ-पॉकेट खर्चों की वसूली के अधीन

  3. केंद्र/राज्य सरकार/पीएसयू कर्मचारियों के लिए गृह ऋण योजना के तहत -गैर-डीएसए के

    लिए(डीएसटी द्वारा प्राप्त लीड सहित) – शून्य, 1,500/- रुपये के लॉगिन शुल्क के अधीन जिसे प्रथम संवितरण पर वापस किया जाना है।

  4. नॉन-डिजिटल चैनल के माध्यम से प्राप्त अन्य गृह ऋण लीड के लिए:

    प्रोसेसिंग शुल्क में 100% छूट, ₹10,000.00 + जीएसटी (प्रति प्रॉपर्टी)के आउट-ऑफ-पॉकेट खर्चों की वसूली के अधीन

  5. डिजिटल चैनल के माध्यम से प्राप्त गृह ऋण लीड के लिए:

    प्रोसेसिंग शुल्क में 100% छूट, ₹5,000.00 + जीएसटी (प्रति प्रॉपर्टी)से ₹ 8,500.00 + जीएसटी (शर्तें लागू)के आउट-ऑफ-पॉकेट खर्चों की वसूली के अधीन

बडौदा गृह ऋण : आवश्यक दस्तावेज़

गृह ऋण के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

बडौदा गृह ऋण : सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)

लक्ष्य समूह
  • निवासी भारतीय
  • भारतीय पासपोर्ट धारक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) या भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) विदेशी पासपोर्ट धारक या भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई)
  • स्टाफ सदस्य (सार्वजनिक योजना के अंतर्गत लाभ उठाने वाले)

ऋणकर्ता/ओं की पात्रता
  • व्यक्ति एकल या संयुक्त रूप से
  • हिन्दू अविभक्त परिवार (एचयूएफ) पात्र नहीं है.

निवासी भारतीय

आवेदक/ सह-आवेदक न्यूनतम 1 वर्ष (वेतन भोगियों के लिए) और / या 2 वर्ष (गैर-वेतन भोगियों के लिए) की अवधि के लिए नियोजित/ कारोबार /व्यवसायरत में होने चाहिए (पात्रता के लिए जिनकी आय पर विचार किया जाएगा)

(सेवा में अंतराल (ब्रेक), यदि कोई हो, तो अधिकतम 3 माह की अवधि तक इसकी अनुमति दी जा सकती है)


एनआरआई/ पीओआई/ ओसीआई
  • आवेदक/ सह-आवेदक/कों (जिनकी आय पात्रता के लिए मानी जाएगी) न्यूनतम विगत 2 वर्षों के लिए सुप्रसिद्ध भारतीय / विदेशी कंपनी, संस्थान या सरकारी विभाग में नियमित सेवा पर हों, जिनके पास वैध नौकरी करार/ वर्क परमिट धारक हो, नियमित नौकरी होनी चाहिए या नियोजित/ स्व नियोजित या अपनी कारोबार इकाई हो और 2 वर्षों से विदेश में रहते हो.
  • आवेदक/ सह-आवेदक/कों (पात्रता के लिए जिनके आय को विचार में लिया जाएगा) की न्यूनतम कुल वार्षिक आय रु. 5.00 लाख प्रति वर्ष होनी चाहिए. यदि आवेदक / सह-आवेदक/कों, जिनकी आय पर पात्रता के लिए विचार किया जाएगा, में एनआरआई शामिल है, इस मानदंड के लिए न्यूनतम कुल वार्षिक आय रु. 5 लाख (आवेदक/सह-आवेदक दोनों की आय) होने पर विचार किया जा सकता है.

भारतीय मूल के व्यक्तियों को निम्नानुसार विनिर्दिष्ट किया गया है

बांग्लादेश / पाकिस्तान / श्रीलंका / अफगनिस्तान / चीन / इरान / नेपाल और भूटान को छोड़कर अन्य सभी देश के नागरिक यदि

  • उनके पास कभी भी भारतीय पासपोर्ट रहा हो या
  • भारतीय संविधान के नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार वह या उसके माता-पिता या उसके दादा-दादी या नाना-नानी में से कोई भी भारत के नागरिक रहे हों
  • वह व्यक्ति भारतीय नागरिक का पति या पत्नी या उपर्युक्त उप मद (क) या (ख) में उल्लेखित व्यक्ति के संदर्भ में हो.

प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) को निम्नानुसार विनिर्दिष्ट किया गया है
  • नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7 ए के अंतर्गत प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) के तौर पर पंजीकृत व्यक्ति
  • दिशानिर्देशों के अनुसार भारत के विदेशी नागरिक को प्रवासी भारतीय मूल का व्यक्ति (पीआईओ) होना अनिवार्य है
  • विदेशी नागरिक, जो दिनांक 26/01/1950 को भारत का नागरिक होने का पात्र था या दिनांक 26/01/1950 को या उसके पहले किसी भी समय भारत का नागरिक थे या दिनांक 15/08/1947 के बाद भारत का अंग बने किसी प्रदेश से थे तथा उसके/ उनके बच्चे या पोता-पोती है, बशर्तें कि उनकी नागरिकता का देश दोहरी नागरिकता को किसी न किसी रूप में या अन्यथा स्थानीय कानून के अंतर्गत स्वीकार करते हो, प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) के रूप में पंजीकरण के लिए पात्र है. ऐसे व्यक्ति के नाबालिग बच्चे भी ओसीआई के लिए पात्र है. तथापि, यदि आवेदक कभी भी पाकिस्तान या बांग्लादेश का नागरिक रहा हो, तो वह ओसीआई के लिए पात्र नहीं होगा

सह - आवेदक
  • उच्चतर पात्रता के लिए सह आवेदक के रूप में आवेदक के करीबी रिश्तेदार को शामिल किया जा सकता है
  • यदि आवेदक को सह-आवेदक के रूप में किसी ऐसे व्यक्ति को शामिल करना है, जो उसका करीबी रिश्तेदार नहीं है, तो संपत्ति के संयुक्त स्वामी होने पर ही इस पर विचार किया जाएगा.

करीबी रिश्तेदारों की सूची

पति/पत्नी, पिता, माता (सौतेली मां सहित), पुत्र (सौतेले पुत्र सहित), पुत्र वधु/बहु, पुत्री (सौतेली पुत्री सहित), पुत्री का पति, भाई /बहन (सौतेली भाई/बहन सहित), भाई की पत्नी, पति या पत्नी की बहन (सौतेली बहन सहित), बहन का पति, पति या पत्नी का भाई (सौतेला भाई सहित).


अधिकतम ऋण राशि
  • मुंबई: रु. 20 करोड़
  • हैदराबाद, नई दिल्‍ली और बेंगलुरु : रु. 7.50 करोड़
  • अन्‍य मेट्रो : रु. 5.00 करोड़
  • शहरी क्षेत्र रु. 3.00 करोड़
  • अर्द्ध शहरी और ग्रामीण : रु. 1.00 करोड़
  • चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली : रु 5.00 करोड़

चुकौती अवधि
  • 36 माह तक की अधिकतम अधिस्थगन अवधि सहित प्रारंभिक रूप से 30 वर्षों की अधिकतम ऋण अवधि.
  • 36 माह की अधिकतम अधिस्थगन अवधि निम्नानुसार होगी.
  • गृह निर्माण और 7 मंजिलों तक बिल्डिंग के निर्माण के लिए 18 माह की अधिस्थगन अवधि. तत्पश्चात प्रति मंजिल 6 माह अतिरिक्त अधिस्थगन अवधि, कुल 36 माह की अधिकतम अधिस्थगन की शर्तों के अधीन अवधि.

चुकौती क्षमता

प्रस्तावित ईएमआई के साथ कुल कटौतियां निम्न से अधिक नहीं होनी चाहिए -

वेतनभोगी व्यक्ति

  • रु. 25,000 से कम निवल मासिक आय: 40%
  • रु. 25,000 व इससे अधिक लेकिन रु. 50,000 से कम निवल मासिक आय: 60%
  • रु. 50,000 व इससे अधिक लेकिन रु. 1.00 लाख से कम निवल मासिक आय: 65%
  • रु. 1.00 लाख व इससे अधिक लेकिन रु. 2.00 लाख से कम निवल मासिक आय: 70%
  • रु. 2.00 व इससे लाख से अधिक निवल मासिक आय: 75%

अन्य

  • रु. 6 लाख तक औसत सकल वार्षिक आय (विगत -2- वर्षों से ) - 70%
  • रु. 6 लाख से अधिक औसत सकल वार्षिक आय (विगत -2- वर्षों से) - 80%

मार्जिन मानदंड और मूल्य की तुलना में ऋण (एलटीवी) अनुपात
ऋण राशि मार्जिन एलटीवी अनुपात
रु.30/- लाख तक के ऋण 10% 90%
रु.30/- लाख से अधिक एवं रु.75/- लाख तक के ऋण 20% 80%
रु.75/- लाख से अधिक के ऋण 25% 75%

आयु
  • न्यूनतम : ऋणकर्ता – 21 वर्ष, सह- आवेदक - 18 वर्ष
  • अधिकतम : अधिकतम आयु के लिए 70 वर्ष* की आयु तक विचार किया जा सकता है

प्रतिभूति
  • निर्मित/ खरीदी गई संपत्ति का गिरवी/ मोर्गेज
  • यदि गिरवी संभव न हो, तो बैंक अपने विवेकाधिकार पर बीमा पॉलिसी, सरकारी प्रोमिसरी नोट, शेयर और डिबेंचर, सोने के आभूषण आदि के रूप में प्रतिभूति स्वीकार कर सकता है.

चुकौती
  • 36 माह की अधिकतम अधिस्थगन अवधि सहित आरंभ में ऋण की अधिकतम अवधि 30 वर्षों की होगी.
  • अधिकतम ऋण स्थगन अवधि निम्न अनुसार 36 माह की होगी.
  • निर्माणाधीन गृह और 7 मंजिल तक भवन के लिए 18 माह की ऋणस्थगन अवधि और तत्पश्चात प्रति मंजिल 6 माह का अतिरिक्त ऋणस्थगन अवधि, कुल 36 माह की अधिकतम ऋणस्थगन अवधि की शर्तों के अधीन.
  • ऋण की चुकौती समान मासिक किश्तों में की जानी है
  • किसानों/ कृषि विशेषज्ञों को, प्रमुख उत्पादित फसलों की कटाई/विपणन के समय छमाही किश्तों में चुकौती की अनुमति दी जा सकती है
  • ऋणस्थगन अवधि के लिए ब्याज की वसूली/ ऋणस्थगन अवधि के दौरान प्रभारित ब्याज को नामे करते समय वसूल की जानी है

समय-पूर्व बंदी प्रभार

शून्य


ग्रुप क्रेडिट लाइफ इंश्योरेंस कवर

बैंक ऑफ़ बड़ौदा का अपने गृह ऋणकर्ताओं को जीवन बीमा कवर प्रदान करने के लिए मेसर्स इंडिया फ़र्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के साथ टाई-अप व्यवस्था है. यह जीवन बीमा की वैकल्पिक योजना है और ऋणकर्ता को इसका वहन करना होगा जिसकी स्वीकृति के समय बैंक द्वारा इसका निधियन किया जा सकता है जो कि ऋण की समान मासिक किश्त के साथ चुकौती योग्य है.

मेसर्स इंडिया फ़र्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा ऑफर किए गए ग्रुप क्रेडिट लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की प्रमुख विशेषताएं निम्नानुसार है

  • गृह ऋण ऋणकर्ता ओं के लाभ के लिए वैकल्पिक योजना है और शाखाओं द्वारा ऋणकर्ता/ ओं को उनकी पसंद के अनुसार इंडिया फ़र्स्ट लाइफ इंश्योरेंस से बीमा प्रदाताओं का चयन करने का विकल्प दिया जाएगा.
  • यह समूह बीमा योजना है जो ऋणकर्ता की मृत्यु जैसी आकस्मिक घटनाओं के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करती है.
  • ऋणकर्ता की मृत्यु हो जाने से उसके परिवार को दावा निपटान राशि तक की ऋण राशि की चुकौती करना आवश्यक नहीं है.
  • देय बकाया कवर राशि का कवर शेड्यूल के अनुसार बीमा कंपनी द्वारा भुगतान किया जाएगा.
  • ऋणकर्ता की मृत्यु के कारण एनपीए श्रेणी में खाते के स्लिपेज को रोका जा सकता है.
  • एकबारगी प्रीमियम भुगतान के एवज में लाइफ कवर उपलब्ध है और प्रीमियम की राशि ऋणकर्ता की आयु, ऋण राशि, ब्याज दर और ऋण की अवधि पर आधरित है.
  • ऋणकर्ता के अनुरोध पर कवर प्राप्त करने के लिए प्रीमियम राशि को ऋण के भाग के रूप में दिया जा सकता है और तदनुसार ईएमआई की गणना की जाएगी. लेकिन इन मामलों में एलटीवी अनुपात के संबंध में गृह ऋण दिशानिर्देशों का अनुपालन आवश्यक है.
  • प्रीमियम राशि ऋणकर्ता की कुल पात्रता के अनुसार ऋण का भाग हो सकती है, जिसे बैंक द्वारा स्वीकृति के समय प्रदान किया जाएगा एवं ऋण की ईएमआई के साथ वसूली योग्य होगा.
  • ऋण को पुरोबंधित (समय पूर्वा बंद) करने के मामले में, बीमा प्रदाता द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम का कुछ हिस्सा लौटाया जाएगा.

नोट:बैंक उत्पादों की बिक्री/मार्केटिंग आदि में एजेंट की सेवाओं का उपयोग कर सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  • गृह ऋण पर कितना ब्याज है ?

    यह जानने के लिए कि गृह ऋण पर कितना ब्याज लागू है, कृपया ब्याज दर वाले पेज पर देखें.

  • गृह ऋण के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता है ?

    गृह ऋण लेने के लिए केवाईसी, व्यक्तिगत पहचान, संपत्ति से संबंधित दस्तावेज, आय प्रमाण आदि से संबंधित विभिन्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। कृपया विवरण के लिए यहाँ देखें. .

  • बैंक ऑफ बड़ौदा कितना उधार दे सकता है?
    • ऋण राशि आवेदक (ओं) की भुगतान क्षमता के आधार पर निर्धारित की जाती है. भुगतान क्षमता की गणना करने के लिए, विभिन्न कारकों को ध्यान में रखा जाता है जैसे कि आयु, आय, आश्रित, संपत्ति, देनदारियां, व्यवसाय का स्थायित्व व आय की निरंतरता, बचत, आदि.
    • किसी भी व्यक्तिगत आवेदक को अधिकतम ऋण उस क्षेत्र के आधार पर रु 10 करोड़ प्रति इकाई होगा जहां संपत्ति का निर्माण / खरीद किया जाना प्रस्तावित है। हम अपनी आवास ऋण योजना के तहत संपत्ति की लागत के 90% (नए घरों / फ्लैट के लिए) तक ऋण का विस्तार करेंगे.
  • मुझे कितने समय के लिए ऋण मिल सकता है?

    हम, अधिकतम 30 साल तक की अवधि प्रदान करते हैं। ऋण की अवधि किसी भी परिस्थिति में सेवानिवृत्ति की आयु या 65 वर्ष की आयु पूरी होने से अधिक नहीं होगी, जो भी पहले हो।

  • हम गृह ऋण को तत्काल कैसे चुकाएं ?
    • गृह ऋण को ईएमआई (समान मासिक किस्त) में चुकाना होगा।
    • किसानों/कृषकों के मामले में, उत्पादित प्रमुख फसलों की कटाई/विपणन के साथ-साथ छ:माही किस्तों में पुनर्भुगतान की अनुमति दी जा सकती है।
    • मोरोटोरियम अवधि के लिए ब्याज की वसूली- मोरोटोरियम अवधि के दौरान प्रभारित ब्याज की वसूली डेबिट किए जाने पर की जानी है।
  • गृह ऋण के लिए सिबील स्कोर कैसे निकालेंगे?

    सिबिल स्कोर की गणना बैंक या व्यक्ति द्वारा नहीं की जाती है। सिबिल द्वारा स्कोरिंग प्रदान की जाती है। आप सिबिल / बॉब वर्ल्ड के साथ अपने सिबिल स्कोर की जांच कर सकते हैं।

  • गृह ऋण के ब्याज दर को कैसे कम किया जा सकता है?

    यदि मौजूदा ऋणदाता के साथ ब्याज दर अधिक है, तो आप कम ब्याज दर का लाभ प्राप्त करने के लिए अपने गृह ऋण को बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ बदल सकते हैं। गृह ऋण में ब्याज दर सिबिल स्कोर पर निर्भर करती है। इसलिए, कृपया वित्तीय अनुशासन का पालन करें और अपने सिबिल स्कोर में सुधार करें।

  • गृह ऋण की ई-एम-आई,कबसे शुरू होती है?

    अधिकतम मोरोटोरियम निम्नानुसार -36 महीने होगा: -7 वीं मंजिल तक निर्माणाधीन घरों और भवनों के लिए 18 महीने की अधिस्थगन अवधि, उसके बाद -6 महीने अतिरिक्त अधिस्थगन प्रति मंजिल अधिकतम -36 महीने के अधीन। या तो जो भी पहले हो, मकान पूरा होने के एक महीने बाद/मकान/फ्लैट का पोजेशन लेने के बाद।

  • गृह ऋण के साथ टैक्स कैसे बचाएं?

    गृह ऋण उधारकर्ता को कर बचाने में मदद करता है। गृह ऋण ईएमआई के दो घटक होते हैं-

    • ब्याज भुगतान - वर्ष के लिए भुगतान किए गए ब्याज हिस्से को धारा 24 के तहत अधिकतम 2 लाख रुपये तक की कटौती के रूप में दावा किया जा सकता है, और
    • मूल भुगतान - वर्ष के लिए भुगतान की गई ईएमआई के मूल भाग को धारा 80 सी के तहत कटौती के रूप में अनुमति दी जाती है। दावा की जाने वाली अधिकतम राशि 1.50 लाख रुपये है।
  • गृह ऋण की ब्याज दर क्या है?

    यह ब्याज की वह दर होती है जिस पर बैंक मकान खरीदने/बनाने/फ्लैट खरीदने के लिए उधारकर्ता को धन उधार देता है।

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