अपने धनराशि की सुरक्षा सहित निरंतर वृद्धि


नियमित आय सह आवर्ती जमा का विकल्प चुनें और अनेक लाभ प्राप्त करें.

  • लाभ
  • विशेषता
  • आवश्यक दस्तावेज़
  • सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)

त्रैमासिक आय योजना (क्यूआईपी) : विशेषता

उत्पाद प्रकार त्रैमासिक आय योजना वैसे व्यक्तियों के लिए है जिन्हें अपनी आय में वृद्धि के लिए नियमित रूप से अर्थात प्रत्येक तिमाही में निधि की आवश्यकता होती है. इस योजना के अंतर्गत जमा पर ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है जिससे तिमाही के दौरान जमा पर अर्जित ब्याज आय का एक अन्य स्रोत बन जाता है
पात्रता
  • किसी व्यक्ति के स्‍वयं के नाम पर
  • संयुक्त नाम में एक से अधिक व्यक्ति
  • बैंक द्वारा निर्धारित शर्तों पर 10 वर्ष व इससे अधिक आयु के नाबालिग. अभिभावक के रूप में अपने पिता / माता के साथ नाबालिग के नाम पर भी खाते खोल सकते हैं.
  • क्लब, संघ, शैक्षिक संस्थान, भागीदार और संयुक्त स्टॉक कंपनियां, बशर्ते कि वे पंजीकृत हों और बैंक इससे संतुष्ट हो कि खाता वास्तविक रुप से बचत के प्रयोजन से ही खोला गया है.
जमा की न्यूनतम राशि न्यूनतम राशि रु.1000 और रु.100 के गुणकों में
जमा की अधिकतम राशि कोई अधिकतम सीमा नहीं
जमा अवधि
  • न्यूनतम – 12 माह
  • अधिकतम – 120 माह
ब्‍याज दर

जमाराशि की परिपक्‍वता अवधि के अनुसार

  • वरिष्ठ नागरिक : 0.50% की दर से अतिरिक्त ब्याज देय है.
  • कर्मचारी / पूर्व कर्मचारी : समय-समय पर जारी बैंक दिशानिर्देशों के अनुसार (वर्तमान में 1% अतिरिक्त ब्याज देय है)
  • पूर्व कर्मचारी जो वरिष्ठ नागरिक हैं : कर्मचारी दर के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिक ब्याज दर दोनों का लाभ प्राप्त करेंगे
नामांकन सुविधा नामांकन की सुविधा उपलब्ध है.
स्रोत पर कर कटौती ब्याज भुगतान प्रचलित आयकर अधिनियम के अनुसार स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के अधीन है.
ऋण / ओवरड्राफ्ट की उपलब्‍धता
  • मांगे जाने पर ऋण की तारीख पर खाते की शेष राशि के 95% तक ओवरड्राफ्ट / ऋण प्रदान किया जाता है.
  • बैंक के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार समय-समय पर ब्याज प्रभारित किया जाएगा.
अन्‍य नियम और शर्तें
  • रु. 5 लाख तक की जमाराशि के परिपक्वतापूर्व भुगतान के लिए कोई दंड नहीं प्रभारित किया जाएगा, बशर्तें कि न्यूनतम 12 माह के लिए जमाराशि बैंक में रखी गई हो.
  • सरकारी विभागों द्वारा प्रतिभूति के रूप में स्वीकार किया जाता है.
  • गैर-निधि आधारित क्रियाकलापों के लिए मार्जिन के रूप में स्वीकार किया जाता है.
  • 'मीयादी जमाराशियों' पर लागू पात्रता मानदंड और अन्य सभी अनुदेश इन जमाओं पर लागू होंगे.
समय – पूर्व समाप्ति

जमाराशि पर बैंक में रखी जाने वाली अवधि के लिए लागू दर या संविदागत दर, जो भी इस प्रकार के मामलों में कम हो, पर 1% का दंड ब्याज काटने के बाद ब्याज का भुगतान किया जाना चाहिए.

  • रु. 5 लाख तक की जमाराशि के परिपक्वतापूर्व भुगतान के लिए कोई पेनाल्टी नहीं लगाया जाएगा, बशर्तें कि न्यूनतम 12 माह के लिए जमाराशि बैंक में रखी गई हो
  • 'सावधि जमा' पर लागू पात्रता मानदंड और अन्य सभी निर्देश लागू होंगे.

रू.1 करोड़ से अधिक की जमाराशि के परिपक्वतापूर्व बंदी के लिए निम्नलिखित शर्तें लागू होंगी

  • ग्राहक द्वारा 31 दिनों की पूर्व सूचना देना आवश्यक है एवं
  • जमाराशि को बैंक में रखे जाने की अवधि के लिए लागू ब्याज दर पर 1.50% की दर से दण्ड वसूल किया जाएगा, परिपत्र सं बीसीसी/बीआर/110/540 दिनांक 31.10.2018 के अनुसार जारी रहेगा.
स्वतः नवीकरण जमा को निर्धारित तारीख पर लागू ब्याज दर के साथ 1 वर्ष की अवधि के लिए नवीकृत किया जाएगा, यदि अन्यथा अनुदेश नहीं दिए गए हो.

त्रैमासिक आय योजना (क्यूआईपी) : आवश्यक दस्तावेज़

  • पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ
  • पता प्रमाण पत्र
  • बैंक के मानदंडों के अनुसार परिचय.

त्रैमासिक आय योजना (क्यूआईपी) : सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)

  • निवासी वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर: बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार निवासी वरिष्ठ नागरिकों को मात्र रु. 3.00 करोड़ से कम जमाराशि पर अतिरिक्त ब्याज देय है। वरिष्ठ नागरिक दर एनआरई/एनआरओ/पूंजीगत लाभ/एफसीएनआर पर लागू नहीं है। नवीनतम दरों के लिए, कृपया हमारे बैंक के वेबसाइट लिंक पर जाएं
  • स्रोत पर कर कटौती: आयकर नियमों के अनुसार टीडीएस की कटौती की जाएगी. यदि कोई व्यक्ति फॉर्म 15G/15H लागू जमा करता है तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा.
  • टीडीएस प्रमाणपत्र: सभी ग्राहकों को टीडीएस प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा.
  • कॉलेबल जमाराशि के अवज में अग्रिम: यह सुविधा एकल नाम और एचयूएफ में नाबालिक के नामे खाते में उपलब्ध नहीं होगा। यदि ब्याज 2 तिमाहियों से अधिक समय तक जमा नहीं किया जाता है, तो सावधि जमा की राशि को तत्काल ही समायोजित कर दिया जाएगा।
  • अग्रिम देय (नॉन-कॉलेबल जमाराशि के अलावा): बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार नॉन-कॉलेबल पात्र जमाराशि के प्रतिभूति के अवज में जारी ऋण / ओवरड्राफ्ट / अग्रिम सुविधा उपलब्ध नहीं है।
  • ग्राहक के अनुरोध पर उपलब्ध ब्याज प्रमाणपत्र.
  • जमा प्रमाणपत्र - सावधि जमा रसीद प्रदान की जाती है
  • ग्राहक के अनुरोध पर सावधि जमा को एक शाखा से दूसरी शाखा में अंतरित किया जा सकता है.
  • भुगतान का माध्यम :परिपक्वता राशि ग्राहक के बचत बैंक / चालू खाते में जमा की जाती है. ऐसे मामलों में जहां ग्राहक के कोई ऑपरेटिव खाते नहीं हैं, रू. 20,000 से कम की परिपक्वता राशि नकद में दी जा सकती है उससे अधिक राशि हेतु डीडी / पे आर्डर जारी किया जाएगा.
  • 10 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए अधिकतम रु.1,00,000 तक की राशि के साथ नाबालिग खाते खोले जा सकते हैं.

ब्याज भुगतान :
  • भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार सावधि जमाराशियों पर ब्याज की गणना तिमाही चक्रवृद्धि अंतराल पर की जाएगी और जमाराशियों की अवधि के आधार पर बैंक द्वारा निर्धारित दर पर भुगतान किया जाएगा. मासिक जमा योजना के मामले में ब्‍याज की गणना चक्रवृद्धि आधार पर तिमाही के लिए की जाएगी और डिस्काउंटिड वैल्यू पर मासिक भुगतान किया जाएगा. सावधि जमाओं बैंक द्वारा पर ब्याज की गणना भारतीय बैंक संघ द्वारा बताए गए सूत्रों और विधि के अनुसार की जाती है.
  • तदनुसार बैंक ने निम्नलिखित पद्धति अपनाई है.

    “घरेलू सावधि जमाराशि (एक वर्ष से अधिक के लिए रखी गई जमा राशि) के ऐसे सभी मामलों में जहां तिमाही अपूर्ण है वहां ब्‍याज की गणना पूर्ण तिमाही और वर्ष के 365 / 366 दिनों को ध्‍यान में रखते हुए वास्‍तविक दिनों की संख्‍या के आधार पर की जानी चाहिए अर्थात् ऐसी जमाराशियों पर ब्‍याज की गणना संपूर्ण तिमाहियों और दिनों के अनुसार की जाएगी

  • तिमाही और उससे अधिक की जमाराशियों के लिए ब्याज की गणना पूर्ण तिमाहियों के लिए तिमाही चक्रवृद्धि आधार पर की जाती है और जहां अंतिम तिमाही अधूरी होती है वहां ब्याज की गणना वर्ष में 365/366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के लिए आनुपातिक रूप से की जाती है.
  • जमा रसीद में उल्लिखित परिपक्वता राशि की गणना टीडीएस पर ध्‍यान दिए बिना की जाती है. छमाही (तिमाही चक्रवृद्धि) के लिए ब्याज की गणना करते समय, पिछली छमाही के लिए गणना किए गए ब्याज (तिमाही चक्रवृद्धि) की राशि में से टीडीएस को घटा कर प्राप्त राशि को चालू छमाही के लिए ब्याज की गणना हेतु मूल राशि में जोड़ा जाएगा.
  • 2 तिमाहियों से कम लेकिन 1 तिमाही से अधिक की अल्पावधि जमाराशियों के मामले में पूर्ण तिमाही के लिए साधारण ब्याज का भुगतान किया जाएगा और वर्ष में 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए शेष दिनों के लिए ब्याज (चक्रवृद्धि किए बिना) दिया जाएगा.
  • एक तिमाही से कम की अल्पावधि जमाराशियों के लिए वर्ष में 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के लिए अनुपातिक आधार पर ब्याज की गणना की जाती है.
  • एफसीएनआर जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान विभिन्न परिपक्वता अवधियों के लिए समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार गणना की गई दरों पर किया जाएगा. एफसीएनआर जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान एक वर्ष में 360 दिनों के आधार पर किया जाएगा और प्रत्येक 180 दिनों के अंतराल पर इसकी गणना की जाएगी.
  • दिनांक 1 जुलाई, 1995 से सावधि जमाराशियों पर ब्याज भुगतान से स्रोत पर आयकर की कटौती (आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194ए) की जाएगी.
  • ऐसे मामलों में आयकर की कटौती की जाएगी जहां किसी जमाकर्ता के नाम पर बैंक में उसके एकल नाम पर या संयुक्त रूप से (पहले नाम वाले व्यक्ति के रूप में) रखी गई सभी सावधि जमाराशियों पर प्रदत्त या जमा कुल ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 के तहत प्रति वित्तीय वर्ष के लिए निर्दिष्ट सीमा से अधिक है. कर की कटौती खाते को क्रेडिट करते समय या जमाकर्ता को ब्याज का भुगतान करते समय, इनमें से जो भी पहले हो, की जाएगी, जो समय-समय पर कर सीमा हेतु पात्र ब्याज सीमाओं में परिवर्तन के अधीन होगी.

    यदि जमाकर्ता प्रति वर्ष अप्रैल माह की समाप्ति से पहले निम्नलिखित फॉर्म जमा करता है, तो कोई कर कटौती नहीं की जाएगी.

  • वरिष्‍ठ नागरिकों के अलावा गैर-कॉर्पोरेट ग्राहक – पैन के साथ फॉर्म नं.15जी (दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से प्रभावी).
  • वरिष्‍ठ नागरिक अर्थात् 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्‍यक्ति – पैन के साथ फॉर्म नं.15एच (दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से प्रभावी). दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से आयकर विभाग ने ऐसे सभी मामलों में, जहां टीडीएस लागू है, कटौती करने वालों द्वारा स्थायी खाता संख्या (पैन) उद्धृत करना अनिवार्य कर दिया है, ऐसा न किए जाने पर 20% की उच्च दर (10% की सामान्य दर के आपेक्ष) या सामान्य दर, जो भी अधिक हो, पर टीडीएस की कटौती होगी. इसके अलावा, दिनांक 1 अप्रैल 2010 से फॉर्म संख्या 15जी / 15एच पर पैन का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया गया है.
  • बैंक तिमाही आधार पर कटौती की गई कर की राशि के लिए सिस्टम जनरेटेड कर कटौती प्रमाणपत्र (टीडीएस सर्टिफिकेट) जारी करेगा.
  • भारत में आयकर अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत एनआरई एवं एफसीएनआर सावधि जमाराशियों पर अर्जित / उपचित ब्याज भारत में कर मुक्त है और इसलिए इन जमाराशियों के संबंध में स्रोत पर कोई कर कटौती नहीं की जाएगी. “एनआरओ जमाराशियों के मामले में” जमाकर्ता प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बैंक द्वारा निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत कर डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए), जो भारत ने विभिन्न देशों की सरकारों के साथ किया है, के तहत कर की कम दरों के लाभ हेतु दावा कर सकता है.
  • तथापि, एनआरओ सावधि जमा पर प्रदत्त / देय किसी भी ब्याज पर विनिर्दिष्ट दरों पर स्रोत पर कर कटौती करना बैंक का सांविधिक दायित्व है. यदि दोहरा कराधान बचाव संधि (डबल टैक्स अवॉइडेंस ट्रीटी) के तहत लागू घोषणापत्र के साथ पैन प्रस्‍तुत किया जाता है - ग्राहक के निवास के देश में लागू दर पर टीडीएस की कटौती की जाती है.

  • यदि घोषणापत्र के बिना पैन प्रस्‍तुत किया जाता है - @30% की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी.
  • यदि पैन के बिना घोषणापत्र प्रस्‍तुत किया जाता है - सामान्‍य दर या 20% की दर, जो भी अधिक हो, से टीडीएस कीकटौती की जाएगी.
  • यदि पैन और घोषणापत्र प्रस्‍तुत नहीं किया है - @30% की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी.
  • सभी ब्याज भुगतानों को रुपये में पूर्णांकित किया जाएगा.
  • सावधि जमा खाताधारकों को उनकी जमाराशि रखते समय परिपक्वता की तारीख को जमा खाते को बंद करने या आगे की अवधि के लिए जमा के नवीकरण के संबंध में अनुदेश दिए जा सकते हैं. ऐसे अधिदेश के अभाव में बैंक जमा राशि को निम्नानुसार नवीकृत करेगा.
  • यदि जमा राशि एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए रखी गई है तो यह नियत तारीख पर प्रचलित दर पर एक वर्ष के लिए स्वतः नवीकृत हो जाएगी.
  • यदि जमा राशि एक वर्ष से कम अवधि के लिए रखी गई है तो यह नियत तारीख पर प्रचलित दर पर उसी अवधि के लिए स्वतः नवीकृत हो जाएगी.
  • यदि ग्राहक अवधि में परिवर्तन करना चाहता है या सावधि जमा को समयपूर्व आहरित करना चाहता है, तो ग्राहक के लिखित अनुरोध पर इसकी अनुमति है. प्रतिदेय (कॉलेबल) योजना के अंतर्गत रखी गई जमाराशियों के मामले में थोक जमाराशि का समयपूर्व आहरण बैंक के विवेकाधिकार पर किया जाता है.


बल्क जमा (रु. 3.00 करोड़ एवं उससे अधिक)
  • "थोक जमा" का अर्थ है रु. 3.00 करोड़ एवं उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमा (दिनांक 07.06.2024 RBI/2024-25/40 DoR.SPE.REC.No.24/13.03.00/2024-2025 ।)
  • यदि एक ही दिन में रु. 3.00 करोड़ एवं उससे अधिक की कुल राशि वाले कई जमा किए जाते हैं, लेकिन वे अलग-अलग तारीखों पर परिपक्व होते हैं, तो यह बल्क जमा के विभाजन के बराबर नहीं होगा। साथ ही एक ही दिन में रु. 3.00 करोड़ और उससे अधिक की कुल राशि वाले कई जमा बनाए जाते हैं, जिनकी परिपक्वता अवधि समान होती है, लेकिन अलग-अलग विशिष्ट उद्देश्यों के लिए हो तो, यह थोक जमा के विभाजन के बराबर नहीं होगा। बशर्ते ग्राहक इसके लिए सहायक दस्तावेज प्रस्तुत करें।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  • त्रैमासिक आय योजना क्या है ?
    • त्रैमासिक आय योजना वैसे व्यक्तियों के लिए है जिन्हें प्रत्येक तिमाही में पूरक आय के नियमित स्रोत की आवश्यकता होती है।
    • त्रैमासिक आय योजना प्रत्येक तिमाही में जमा की गई राशि पर भुगतान का ऑफर करती है, जिससे त्रैमासिक आधार पर अतिरिक्त कमाई होती है।
    • प्रत्येक तिमाही में जमा की गई राशि पर अर्जित ब्याज अतिरिक्त आय के रूप प्राप्त होती है।
  • क्यूआईपी और एमआईपी में क्या अंतर है ?

    क्यूआईपी और एमआईपी के बीच निम्न अंतर हैं:

    क्यूआईपी एमआईपी
    जमा राशि पर ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है जमा राशि पर ब्याज का भुगतान मासिक आधार पर रियायती दर पर किया जाता है
    उन व्यक्तियों के लिए अनुकूल है जिन्हें नियमित रूप से त्रैमासिक पूरक आय की आवश्यकता होती है उन व्यक्तियों के लिए अनुकूल है जिन्हें नियमित रूप से मासिक पूरक आय की आवश्यकता होती है
  • तिमाही आय योजना के लिए आवेदन करने की पात्रता क्या है ?
    • केवल अपने नाम से खाता खोलने वाले व्यक्ति।
    • संयुक्त नाम पर एक से अधिक व्यक्ति।
    • 10 वर्ष की आयु के नाबालिग बैंक द्वारा निर्धारित शर्तों के अंतर्गत खाता खोल सकते हैं। अभिभावक के रूप में माता-पिता के साथ नाबालिग के नाम पर भी खाता खोला जा सकता है।
    • क्लब, संघ, शैक्षिक संस्थान, भागीदारी और संयुक्त स्टॉक कंपनियां बशर्ते वे पंजीकृत हों और खाते का उपयोग वास्तविक बचत उद्देश्यों के लिए किया जा रहा हो।
  • त्रैमासिक आय योजना (क्यूआईपी) अच्छी है या बुरी ?

    त्रैमासिक आय योजना की उपयुक्तता ग्राहक की व्यक्तिगत जरूरतों पर निर्भर करती है। यदि कोई त्रैमासिक आधार पर आय को पूरक बनाना चाहता है तो त्रैमासिक आय योजना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है क्योंकि यह योजना त्रैमासिक आधार पर ब्याज भुगतान का ऑफर करती है। दूसरी ओर, मासिक आय योजना मासिक आधार पर रियायती दर पर ब्याज का भुगतान करती है।

  • क्यूआईपी एफडी से क्या लाभ है ?

    तिमाही आय योजना एफडी योजना के अंतर्गत जमा पर ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है। प्रत्येक तिमाही में इस जमा पर अर्जित ब्याज आय के दूसरे स्रोत की तरह होता है।

Compare Products
Select Another card to compare

Select Another card to compare

Select Another card to compare

Select Another card to compare

Select Another card to compare

Select Another card to compare

Choose cards to compare
Filters
Reset

Please select

Select Services

Add this website to home screen

Are you Bank of Baroda Customer?

This is to inform you that by clicking on continue, you will be leaving our website and entering the website/Microsite operated by Insurance tie up partner. This link is provided on our Bank’s website for customer convenience and Bank of Baroda does not own or control of this website, and is not responsible for its contents. The Website/Microsite is fully owned & Maintained by Insurance tie up partner.


The use of any of the Insurance’s tie up partners website is subject to the terms of use and other terms and guidelines, if any, contained within tie up partners website.


Proceed to the website


Thank you for visiting www.bankofbaroda.in

X
हम अपनी वेबसाइट पर आपके अनुभव को बढ़ाने के लिए कुकीज़ (और इसी प्रकार के उपकरण) का उपयोग करते हैं। हमारी कुकी नीति, गोपनीयता नीति और नियम एवं शर्तों के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया यहां क्लिक करें। इस वेबसाइट को ब्राउज़ करना जारी रखते हुए, आप कुकीज़ के उपयोग हेतु सहमति देते हैं और गोपनीयता नीति एवं नियम और शर्तों से सहमत होते हैं।