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लचीली आवर्ती जमा योजना का विकल्प चुनें और कई लाभ प्राप्त करें।
फ्लेक्सिबल आवर्ती जमा योजना
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लाभ
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विशेषताएं
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पात्रता
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आवश्यक दस्तावेज़
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ब्याज दर और प्रभार
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सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
फ्लेक्सिबल आवर्ती जमा योजना : लाभ
- खाता खोलने के लिए मूल किस्त राशि न्यूनतम रु. 100 आवश्यक है तत्पश्चात मूल किस्त से अधिक रु. 100 के गुणक में जमा किया जा सकता है (किस्त की राशि को कम-अधिक करने की सुविधा है)
- मासिक जमा राशि अधिकतम रु. 10,000 प्रति माह के अधीन मूल किस्त से केवल तीन गुणा अधिक तक बढ़ाई जा सकती है.
- बैंक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्धारित ब्याज दर पर बैलेंस शेष राशि के 95% तक ऋण/ओवरड्राफ्ट सुविधा की अनुमति है.
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर: रु. 1 करोड़ मात्र से कम की जमाराशि पर 0.50% की दर से अतिरिक्त ब्याज देय है.
- नामांकन की सुविधा उपलब्ध है
- अधिकतम रु. 1,00,000 की सीमा के अधीन 10 वर्ष से अधिक आयु के वैयक्तिकों के लिए नाबालिग खाते खोले जा सकते हैं.
फ्लेक्सिबल आवर्ती जमा योजना : विशेषताएं
- ब्याज का भुगतान
- छमाही आधार पर ब्याज भुगतान और जमा किया जाएगा (सितंबर और मार्च)
- दैनिक शेष राशि पर ब्याज आधारित होगा (अर्धवार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज)
- बैंक के मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, अभिभावक के रूप में अपने पिता/माता के साथ नाबालिग के नाम से भी खाते खोले जा सकते हैं
फ्लेक्सिबल आवर्ती जमा योजना : पात्रता
- कोई व्यक्ति अपने नाम से.
- संयुक्त नाम से एक से अधिक व्यक्ति.
- बैंक द्वारा निर्धारित शर्तों पर 10 वर्ष और इससे अधिक आयु के नाबालिग. बैंक के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार अभिभावक के रूप में नाबालिग के नाम से उसके पिता/माता के साथ खाते भी खोले जा सकते हैं.
- क्लब, एसोसिएशन, शैक्षणिक संस्थान, साझेदारी और संयुक्त स्टॉक कंपनियां, बशर्ते वे पंजीकृत हों और बैंक इससे संतुष्ट हो कि उनका खाता वास्तविक बचत उद्देश्यों के लिए खोला गया है.
- एनआरई जमाराशियों के लिए यह उत्पाद उपलब्ध नहीं है.
ब्याज दरें और शुल्क
फ्लेक्सिबल आवर्ती जमा योजना ब्याज दरें और शुल्क
- इसमें ब्याज का भुगतान किया जाता है और इसे अर्धवार्षिक (सितंबर और मार्च) आधार पर खाते में जमा किया जाएगा.
- वरिष्ठ नागरिकों को समय-समय पर प्रभावी दिशानिर्देशों के अनुसार अतिरिक्त ब्याज का लाभ मिलेगा (जैसा कि आवर्ती जमा खाते के लिए लागू होता है).
- स्टाफ सदस्यों (पूर्व कर्मचारियों सहित) को समय-समय पर प्रभावी दिशानिर्देशों के अनुसार अतिरिक्त ब्याज का लाभ मिलेगा (जैसा कि आवर्ती जमा खाते पर लागू होता है). सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्य जो वरिष्ठ नागरिक हैं, उन्हें स्टाफ दर के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिक ब्याज दर का लाभ मिलेगा.
फ्लेक्सिबल आवर्ती जमा योजना : आवश्यक दस्तावेज़
खाता खोलने के लिए मान्य केवाईसी दस्तावेजों की सूची | |
भारतीय रिज़र्व बैंक के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार खाता खोलते समय स्थायी खाता संख्या (पैन) / फॉर्म 60 अनिवार्य रूप से प्राप्त किया जाए. | |
वैयक्तिकों के खातों के लिए आधिकारिक रूप से मान्य दस्तावेज़ (ओवीडी) |
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डीम्ड आधिकारिक रूप से मान्य दस्तावेज, यदि आधिकारिक रूप से मान्य (ओवीडी) दस्तावेज में वर्तमान पता मौजूद/ अद्यतन नहीं है (सूची में से कम से कम एक दस्तावेज़ आवश्यक है) |
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विदेशी छात्रों के मामले में |
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फ्लेक्सिबल आवर्ती जमा योजना : ब्याज दर और प्रभार
Coming soon
फ्लेक्सिबल आवर्ती जमा योजना : सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
पात्रता
सभी व्यवक्ति और गैर व्यतक्ति
जमाराशियों की मात्रा
- न्यूनतम
- रु. 50 और रु. 50 के गुणकों में (ग्रामीण और अर्ध-शहरी शाखा)
- रु. 100 और रु. 100 के गुणकों में (शहरी और महानगरिय शाखा)
- अधिकतम
- कोई उच्च.तम सीमा नहीं
जमाराशियों की अवधि
न्यूानतम : 6 माह
अधिकतम : 120 माह
किश्तम की आवृत्ति
मासिक
ब्याकज दर
जमाराशियों की परिपक्वiता अवधि के अनुसार
ब्यााज का भुगतान
ब्याज की गणना तिमाही आधार पर तथा भुगतान परिपक्व ता पर किया जाएगा
समय-पूर्व समाप्ति
ऐसे मामलों में जिसमें दंड निर्धारित है, वहां लागू ब्याबज दर या संविदागत दर, जो भी कम हो, से 1% दंडस्विरुप काटने के बाद ब्याएज का भुगतान किया जाएगा.
ऋण/ओवरड्राफ्ट की उपलब्धता
बैंक द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अनुसार ब्यादज दर पर बकाया राशि के 95% तक की ऋण / ओवरड्राफ्ट सुविधा की अनुमति है.
जमाराशियों की परिपक्वटता
अंतिम किश्तक के भुगतान या भुगतान की तारीख के एक माह के बाद, जो भी बाद में हो.
किश्तोंि के विलंबित भुगतान पर पेनाल्टी (दंड)
अवधि के बावजूद प्रति माह रु 1/- 100/- की एकसमान दर
- वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज दर : रु. 1 करोड़ से कम के जमाराशियों के लिए 0.50 % की दर से अतिरिक्त ब्याज देय होगा.
- किश्तों का भुगतान : कैलेंडर माह के लिए किश्ता का भुगतान उस माह के अंतिम कार्य दिवस पर या उससे पहले किया जाना आवश्यरक है. किसी भी विलंबित किश्तत भुगतान के मामले में, दंड प्रभारित किया जाएगा जो कि वर्तमान में रु.1.00 + प्रति माह प्रत्येाक रु. 100/- के लिए जीएसटी, ऐसे दंड की संगणना के प्रयोजन हेतु संख्यार के भाग को पूर्ण माह के रुप में माना जाएगा. कैलेंडर माह के दौरान भुगतान की जाने वाली किस्तें, जो देय है, उन्हेंण समय पर किए गए भुगतान के रूप में माना जाएगा. विकल्प तः जमाकर्ता खाते को नियमित किए बिना परिपक्वता तक जारी रख सकता है (अर्थात दंडस्वखरुप ब्यािज के साथ बकाया किश्तस राशि का भुगतान किए बिना). ऐसे मामलों में ब्याथज की संगणना के प्रयोजन के लिए यथा शक्ति जमा योजना के समान माना जाएगा.
- नामांकन सुविधा : नामांकन सुविधा उपलब्ध है.
- स्रोत पर आयकर की कटौती : आयकर नियमों के अनुसार टीडीएस की कटौती की जाएगी. यदि कोई व्यक्ति, जैसे लागू है, वैसे 15 जी /15 एच फार्म प्रस्तुत करता है, तो टीडीएस की कटौती नहीं की जाएगी.
- परिपक्वता पर या उससे पहले ब्याज की संगणना करने की पद्धति : घरेलू जमाराशियों के सभी मामलों में (जमाराशियों की अवधि एक वर्ष से कम है), जहां अंतिम तिमाही अपूर्ण है, संपूर्ण तिमाही के लिए और दिनों की वास्तविक संख्या के लिए वर्ष के 365/366 दिनों के हिसाब से ब्याज की संगणना की जाएगी, अर्थात ऐसी जमाओं पर ब्याज की संगणना पूर्ण तिमाहियों और दिनों के क्रम में होनी चाहिए.
- टीडीएस प्रमाणपत्र : सभी ग्राहकों को टीडीएस प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा.
- जमाराशियों के एवज में अग्रिम : यह सुविधा एकल नाम से नाबालिग और हिंदू अविभक्त परिवार के लिए उपलब्ध नहीं है. जमाराशियों के एवज अग्रिमों के लिए, यदि जमाकर्ता 90 दिनों के भीतर खाते का निपटान नहीं करता है, तो बैंक को उसके सावधि जमा से ओवरड्राफ्ट खाते का निपटान करने का अधिकार है.
- ग्राहक के अनुरोध करने पर ब्याज प्रमाणपत्र उपलब्ध है
- ग्राहकों को खाते के लिए पासबुक प्रदान की जाएगी.
- ग्राहक के अनुरोध करने पर आवर्ती जमाराशियों को एक शाखा से दूसरी शाखा में स्थानांतरित किया जा सकता है
- भुगतान की प्रणाली : परिपक्वता आगम ग्राहक के बचत/चालू खाते में जमा की जाएगी. ऐसे मामलों में जहां ग्राहक का सक्रिय खाता नहीं है, रु. 20,000 से कम के परिपक्वता आगम को नकदी में और उससे अधिक होने पर मांग ड्राफ्ट/भुगतान आदेश में प्रदान की जाएगी.
- रु. 1,00,000/- की अधिकतम सीमा के अधीन 10 वर्ष की आयु और उससे अधिक के व्यक्तियों के लिए नाबालिग खाते खोले जा सकते है.
- सामान्य आवर्ती जमा को बड़ौदा यथा शक्ति जमा योजना में परिवर्तित किया जा सकता है.
ब्याज भुगतान :
- भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार सावधि जमाराशियों पर ब्याज की गणना तिमाही चक्रवृद्धि अंतराल पर की जाएगी और जमाराशियों की अवधि के आधार पर बैंक द्वारा निर्धारित दर पर भुगतान किया जाएगा. मासिक जमा योजना के मामले में ब्याज की गणना चक्रवृद्धि आधार पर तिमाही के लिए की जाएगी और डिस्काउंटिड वैल्यू पर मासिक भुगतान किया जाएगा. सावधि जमाओं बैंक द्वारा पर ब्याज की गणना भारतीय बैंक संघ द्वारा बताए गए सूत्रों और विधि के अनुसार की जाती है.
- 2 तिमाही और उससे अधिक की जमाराशियों के लिए ब्याज की गणना पूर्ण तिमाहियों के लिए तिमाही चक्रवृद्धि आधार पर की जाती है और जहां अंतिम तिमाही अधूरी होती है वहां ब्याज की गणना वर्ष में 365/366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के लिए आनुपातिक रूप से की जाती है.
- जमा रसीद में उल्लिखित परिपक्वता राशि की गणना टीडीएस पर ध्यान दिए बिना की जाती है. छमाही (तिमाही चक्रवृद्धि) के लिए ब्याज की गणना करते समय, पिछली छमाही के लिए गणना किए गए ब्याज (तिमाही चक्रवृद्धि) की राशि में से टीडीएस को घटा कर प्राप्त राशि को चालू छमाही के लिए ब्याज की गणना हेतु मूल राशि में जोड़ा जाएगा.
- 2 तिमाहियों से कम लेकिन 1 तिमाही से अधिक की अल्पावधि जमाराशियों के मामले में पूर्ण तिमाही के लिए साधारण ब्याज का भुगतान किया जाएगा और वर्ष में 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए शेष दिनों के लिए ब्याज (चक्रवृद्धि किए बिना) दिया जाएगा.
- एक तिमाही से कम की अल्पावधि जमाराशियों के लिए वर्ष में 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के लिए अनुपातिक आधार पर ब्याज की गणना की जाती है.
- एफसीएनआर जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान विभिन्न परिपक्वता अवधियों के लिए समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार गणना की गई दरों पर किया जाएगा. एफसीएनआर जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान एक वर्ष में 360 दिनों के आधार पर किया जाएगा और प्रत्येक 180 दिनों के अंतराल पर इसकी गणना की जाएगी.
- दिनांक 1 जुलाई, 1995 से सावधि जमाराशियों पर ब्याज भुगतान से स्रोत पर आयकर की कटौती (आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194ए) की जाएगी.
- वरिष्ठ नागरिकों के अलावा गैर-कॉर्पोरेट ग्राहक – पैन के साथ फॉर्म नं.15जी (दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से प्रभावी).
- वरिष्ठ नागरिक अर्थात् 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति – पैन के साथ फॉर्म नं.15एच (दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से प्रभावी). दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से आयकर विभाग ने ऐसे सभी मामलों में, जहां टीडीएस लागू है, कटौती करने वालों द्वारा स्थायी खाता संख्या (पैन) उद्धृत करना अनिवार्य कर दिया है, ऐसा न किए जाने पर 20% की उच्च दर (10% की सामान्य दर के आपेक्ष) या सामान्य दर, जो भी अधिक हो, पर टीडीएस की कटौती होगी. इसके अलावा, दिनांक 1 अप्रैल 2010 से फॉर्म संख्या 15जी / 15एच पर पैन का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया गया है.
- बैंक तिमाही आधार पर कटौती की गई कर की राशि के लिए सिस्टम जनरेटेड कर कटौती प्रमाणपत्र (टीडीएस सर्टिफिकेट) जारी करेगा.
- भारत में आयकर अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत एनआरई एवं एफसीएनआर सावधि जमाराशियों पर अर्जित/ उपचित ब्याज भारत में कर मुक्त है और इसलिए इन जमाराशियों के संबंध में स्रोत पर कोई कर कटौती नहीं की जाएगी. “एनआरओ जमाराशियों के मामले में” जमाकर्ता प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बैंक द्वारा निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत कर डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए), जो भारत ने विभिन्न देशों की सरकारों के साथ किया है, के तहत कर की कम दरों के लाभ हेतु दावा कर सकता है.
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तथापि, एनआरओ सावधि जमा पर प्रदत्त / देय किसी भी ब्याज पर विनिर्दिष्ट दरों पर स्रोत पर कर कटौती करना बैंक का सांविधिक दायित्व है. यदि दोहरा कराधान बचाव संधि (डबल टैक्स अवॉइडेंस ट्रीटी) के तहत लागू घोषणापत्र के साथ पैन प्रस्तुत किया जाता है - ग्राहक के निवास के देश में लागू दर पर टीडीएस की कटौती की जाती है.
- यदि घोषणापत्र के बिना पैन प्रस्तुत किया जाता है - @30% की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी.
- यदि पैन के बिना घोषणापत्र प्रस्तुत किया जाता है - सामान्य दर या 20% की दर, जो भी अधिक हो, से टीडीएस कीकटौती की जाएगी.
- यदि पैन और घोषणापत्र प्रस्तुत नहीं किया है - @30% की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी.
- सभी ब्याज भुगतानों को रुपये में पूर्णांकित किया जाएगा.
- सावधि जमा खाताधारकों को उनकी जमाराशि रखते समय परिपक्वता की तारीख को जमा खाते को बंद करने या आगे की अवधि के लिए जमा के नवीकरण के संबंध में अनुदेश दिए जा सकते हैं. ऐसे अधिदेश के अभाव में बैंक जमा राशि को निम्नानुसार नवीकृत करेगा.
- यदि जमा राशि एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए रखी गई है तो यह नियत तारीख पर प्रचलित दर पर एक वर्ष के लिए स्वतः नवीकृत हो जाएगी.
- यदि जमा राशि एक वर्ष से कम अवधि के लिए रखी गई है तो यह नियत तारीख पर प्रचलित दर पर उसी अवधि के लिए स्वतः नवीकृत हो जाएगी.
तदनुसार बैंक ने निम्नलिखित पद्धति अपनाई है :
“घरेलू सावधि जमाराशि (एक वर्ष से अधिक के लिए रखी गई जमा राशि) के ऐसे सभी मामलों में जहां तिमाही अपूर्ण है वहां ब्याज की गणना पूर्ण तिमाही और वर्ष के 365 / 366 दिनों को ध्यान में रखते हुए वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर की जानी चाहिए अर्थात् ऐसी जमाराशियों पर ब्याज की गणना संपूर्ण तिमाहियों और दिनों के अनुसार की जाएगी.
ऐसे मामलों में आयकर की कटौती की जाएगी जहां किसी जमाकर्ता के नाम पर बैंक में उसके एकल नाम पर या संयुक्त रूप से (पहले नाम वाले व्यक्ति के रूप में) रखी गई सभी सावधि जमाराशियों पर प्रदत्त या जमा कुल ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 के तहत प्रति वित्तीय वर्ष के लिए निर्दिष्ट सीमा से अधिक है. कर की कटौती खाते को क्रेडिट करते समय या जमाकर्ता को ब्याज का भुगतान करते समय, इनमें से जो भी पहले हो, की जाएगी, जो समय-समय पर कर सीमा हेतु पात्र ब्याज सीमाओं में परिवर्तन के अधीन होगी.
यदि जमाकर्ता प्रति वर्ष अप्रैल माह की समाप्ति से पहले निम्नलिखित फॉर्म जमा करता है, तो कोई कर कटौती नहीं की जाएगी.
यदि ग्राहक अवधि में परिवर्तन करना चाहता है या सावधि जमा को समयपूर्व आहरित करना चाहता है, तो ग्राहक के लिखित अनुरोध पर इसकी अनुमति है. प्रतिदेय (कॉलेबल) योजना के अंतर्गत रखी गई जमाराशियों के मामले में थोक जमाराशि का समयपूर्व आहरण बैंक के विवेकाधिकार पर किया जाता है.
सहायता चाहिए ?
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टोल फ्री नंबर .
विदेश से कॉल करने वाले
घरेलू ग्राहकों के लिए 24x7 उपलब्धता:
+91 79-66296009