अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न (एफएक्‍यू)

  • बकाया शब्द का क्या अर्थ है

    'बकाया' शब्द का अर्थ है, मूलधन ब्याज/ ऋण खाते पर लगाया गया कोई शुल्क जो ऋण सुविधा की स्वीकृति की शर्तों के अनुसार निर्धारित अवधि के भीतर देय होता है.

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  • 'अतिदेय' शब्द का क्या अर्थ है ?

    “अतिदेय” का अर्थ है मूलधन/ब्याज/ऋण खाते पर लगाया गया कोई भी शुल्क जो देय है, लेकिन ऋण सुविधा की मंजूरी की शर्तों के अनुसार निर्धारित अवधि पर या इससे पूर्व इसका भुगतान नहीं किया गया है.

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  • ऋणकर्ता संस्था द्वारा दिये गए ऋण के संदर्भ में "अतिदेय" क्या है ?

    किसी ऋण सुविधा के अंतर्गत ऋणप्रदाता संस्था को देय कोई भी राशि 'अतिदेय' होती है यदि इसका भुगतान ऋणप्रदाता संस्था द्वारा निर्धारित नियत तिथि को या इससे पूर्व नहीं किया जाता है.

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  • दवाबग्रस्त खाता क्या है ?

    उधारकर्ताओं द्वारा ऋण लेने से पूर्व सहमत शर्तों के अनुसार आवधिक अंतराल पर ईएमआई/किस्त/ब्याज का भुगतान करना आवश्यक है. यदि इस ईएमआई/किस्तें/ब्याज की बकाया राशि का भुगतान नियत तारीख को या इससे पूर्व सहमत शर्तों पर नहीं किया जाता है, तो ऐसे खाते को 'दबाबग्रस्त खाता' कहा जाता है

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  • विशेष उल्लिखित खाते (स्पेशल मेंशन अकाउंट (SMA) क्या है?

    बकाया राशि के भुगतान में चूक के रूप में खाते में दवाब के लक्षण दर्शाने वाले ऋण खाते को 'विशेष उल्लिखित खाते [एसएमए}' के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा. इन खातों को यदि 90 दिनों के भीतर नियमित नहीं किए जाने पर उन्हें 'गैर-निष्पादित आस्ति (एनपीए)' के रूप में वर्गीकृत किया जाता है.

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  • एसएमए का वर्गिकरण किस प्रकार किया जाता है ?

    एसएमए को निम्नलिखित सब कैटेगरी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है :

    रिवॉल्विंग सुविधा के अतिरिक्त ऋण रिवॉल्विंग स्वरुप के ऋण कैश क्रेडिट/ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएं
    एसएमए सब कैटेगरी वर्गीकरण का आधार – मूलधन अथवा ब्याज भुगतान अथवा कोई अन्य भुगतान जो कि पूर्णतः अथवा अंशतः अतिदेय हो एसएमए सब कैटेगरी वर्गीकरण का आधार बकाया शेष राशि जो कि निरंतर स्वीकृत सीमा अथवा आहरण शक्ति, जो भी कम हो,से अधिक अवधि के लिए:
    एसएमए – 0 30 दिनों तक
    एसएमए - 1 30 दिनों से अधिक एवं 60 दिनों तक एसएमए - 1 30 दिनों से अधिक एवं 60 दिनों तक
    एसएमए - 2 60 दिनों से अधिक एवं 90 दिनों तक एसएमए – 2 60 दिनों से अधिक एवं 90 दिनों तक

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  • गैर-निष्पादित आस्तियां क्या हैं ?

    किसी ऋण सुविधा/सुविधाओं जिनमें निम्न विवरण के अनुसार दबाब /चूक /कमियां, पाई जाती है, को गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

    • सावधि ऋण के संबंध में ब्याज और/या मूलधन की किस्त 90 दिनों से अधिक की अवधि के लिए अतिदेय है.
    • खरीदे और भुनाए गए बिलों के मामले में बिल 90 दिनों से अधिक की अवधि के लिए अतिदेय रहता है.
    • कृषि ऋण : कम अवधि की फसलों के मामले में मूलधन या इस पर ब्याज की किश्त दो फसली मौसमों के लिए अतिदेय रहती है, और लंबी अवधि की फसलों के संबंध में यह एक फसल के मौसम के लिए अतिदेय रहती है.
    • ओवरड्राफ्ट/नकद क्रेडिट (ओडी/सीसी) सुविधा के संबंध में खाता निम्न विवरण के अनुसार अव्यवस्थित हो जाता है :
      1. सीसी/ओडी खाते में बकाया राशि लगातार 90 दिनों तक मंजूरी सीमा/आहरण शक्ति से अधिक रहने पर अथवा
      2. सीसी/ओडी खाते में बकाया राशि स्वीकृत सीमा/आहरण शक्ति से कम रहने पर मगर निरंतर 90 दिनों तक खाते में कोई राशि के जमा न होने पर अथवा सीसी/ओडी खाते में बकाया राशि स्वीकृत सीमा/आहरण शक्ति से कम है, मगर यह राशि 'पिछले 90 दिनों की अवधि' के दौरान डेबिट किए गए ब्याज को कवर करने हेतु पर्याप्त नहीं है.
    • (नोट: सीसी/ओडी खाते की 'अनियमित' स्थिति के निर्धारण के लिए 'विगत 90 दिनों की अवधि' में वह दिन भी शामिल होगा जब ऋण प्रदाता संस्था द्वारा डे एंड की प्रक्रिया चलाई गयी हो

    • एक खाता जहां तदर्थ स्वीकृति की नियत तारीख/तारीख से 180 दिनों के भीतर नियमित/तदर्थ ऋण सीमाओं की समीक्षा/नवीकरण नहीं किया गया है.
    • जहां स्टॉक और बुक ऋणों की जमानत पर ऋण/सीमाएं स्वीकृत की गई हैं, और ऐसे मामलों में, यदि ऐसे स्टॉक और बुक ऋणों की स्थिति ऋणदाताओं को आहरण शक्ति निर्धारित करने के लिए जमा नहीं किए जाने पर खाते में बकाया राशि के आधार पर तीन महीने से अधिक पुराने स्टॉक और बुक डेट स्टेटमेंट से गणना की गई आहरण शक्ति को 'अनियमित' माना जाएगा, और यदि ऐसी अनियमितता 90 दिनों की निरंतर अवधि तक मौजूद रहता है, तो खाते को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.

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  • एसएमए-0, एसएमए-1, एसएमए-2 और एनपीए के रूप में ऋण के वर्गीकरण के लिए उदाहरण दें :
    • उन खातों के संबंध में जहां ईएमआई/किस्तें देय हैं:
    • उदाहरण: यदि किसी ऋण खाते की देय तिथि 31 मार्च, 2022 है, और ऋण प्रदाता संस्था द्वारा इस तिथि के लिए दिवस के अंत(डे एंड) की प्रक्रिया चलाने से पूर्व समस्त बकाया राशि प्राप्त नहीं होती है, तो अतिदेय की तिथि 31 मार्च, 2022 होगी और अतिदेय बने रहने पर यह खाता दिनांक 31.03.2022 को एसएमएओ के रूप में वर्गीकृत हो जायगा और इस खाते को दिनांक 30 अप्रैल, 2022 को दिवस के अंत की प्रक्रिया चलाने पर यानी लगातार 30 दिनों तक अतिदेय रहने पर इसे एसएमए – 1 के रूप में टैग किया जाएगा. तदनुसार इस खाते के लिए एसएमए – 1 के रूप में वर्गीकरण की तिथि 30 अप्रैल, 2022 होगी,

      इसी प्रकार यदि यह खाता अतिदेय बना रहता है, तो इसे दिनांक 30 मई, 2022 को दिवस के अंत की प्रक्रिया के दौरान एसएमए -2 के रूप में टैग किया जाएगा और यदि इसके बाद भी अतिदेय बने रहने पर दिनांक 29 जून, 2022 इसे दिवस के अंत की प्रक्रिया के दौरान एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.

    • रिवॉल्विंग सुविधाओं जैसे कैश क्रेडिट ओवरड्राफ्ट स्वरुप के खातों के संबंध में यह खाता एनपीए के रूप में परिवर्तित हो जाता है यदि :
    • सीसी/ओडी खाते में बकाया राशि लगातार 90 दिनों तक स्वीकृत सीमा/आहरण शक्ति से अधिक बनी रहती है, अथवा ii) सीसी/ओडी खाते में बकाया राशि स्वीकृत सीमा/आहरण शक्ति से कम है मगर इसमें निरंतर 90 दिनों से कोई राशि जमा नहीं हुई हो अथवा सीसी/ओडी खाते में बकाया राशि स्वीकृत सीमा/आहरण शक्ति से कम है, मगर इसमें जमा शेष राशि 'विगत 90 दिनों की अवधि' के दौरान डेबिट किए गए ब्याज को कवर करने हेतु पर्याप्त नहीं हैं. (नोट: सीसी/ओडी खाते की 'अनियमित' स्थिति के निर्धारण के लिए 'पिछली 90 दिनों की अवधि' में वह दिन भी शामिल होगा जिसके लिए ऋण प्रदाता संस्था द्वारा दिवस के अंत की प्रक्रिया चलाई गई हो)

    • लंबित नवीकरण :
    • नियमित और तदर्थ ऋण सीमाओं की समीक्षा करना आवश्यक है तदर्थ स्वीकृति की नियत तारीख की तारीख से तीन महीने के भीतर नियमित किया है. उधारकर्ताओं से वित्तीय विवरण और अन्य डेटा की अनुपलब्धता जैसी बाधाओं के मामले में, शाखा को यह दर्शाने के लिए साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहिए कि क्रेडिट सीमाओं का नवीनीकरण / समीक्षा पहले से ही चल रही है और जल्द ही पूरी हो जाएगी. किसी भी मामले में, छह महीने से अधिक की देरी को सामान्य अनुशासन के तौर पर वांछनीय नहीं माना जाता है. इसलिए, कोई खाता जिसमें तदर्थ मंजूरी की नियत तारीख/तिथि से 180 दिनों के भीतर नियमित/तदर्थ क्रेडिट सीमाओं की समीक्षा/नवीकरण नहीं किया गया है, उन्हें एनपीए माना जाएगा. यदि नवीनीकरण की नियत तिथि 31-03-2022 है और यदि सीमा 26 सितंबर 2022 तक नवीनीकृत नहीं की जाती है, तो ऐसे खाते को 26-09-2022 को होने वाली दिवस के अंत (डे एंड) की प्रक्रिया के दौरान एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.

    • स्टॉक और बही ऋण विवरण प्रस्तुत न करना:
    • यदि स्टॉक और बही ऋणों के दृष्टिबंधक के एवज में कोई सीसी/ओडी खाता स्वीकृत किया जाता है, तो उधारकर्ता को खाते के अंतर्गत आहरण शक्ति का निर्धारण करने के लिए ऋणकर्ता की सुविधा के लिए समय-समय पर स्टॉक और बुक ऋण विवरण जमा करना आवश्यक है. तीन महीने से अधिक पुराने स्टॉक और बुक डेट स्टेटमेंट से गणना की गई आहरण शक्ति के आधार पर खाते में बकाया राशि को 'अनियमित' माना जाएगा. यदि इस प्रकार की अनियमितता लगातार 90 दिनों तक बनी रहती है, तो खाते को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.

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  • उधार देने वाली संस्थाएं किस अवधि में खातों का एसएमए या एनपीए के रूप में वर्गीकरण करती हैं ?

    उधार देने वाली संस्थाएं दिवस के अंत (डे एंड) की प्रक्रिया के दौरान दैनिक आधार पर खातों को एसएमए एनपीए के रूप में वर्गीकृत करने की प्रक्रिया अपनाती हैं.

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  • क्या किसी उधारकर्ता के किसी खाते के एनपीए हो जाने पर उसके सभी ऋण खातों को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया जाता है ?

    जी हां, एनपीए का वर्गीकरण उधारकर्ता के अनुसार होता है न कि खाते के अनुसार. अतः यदि उधारकर्ता के एक ऋण खाते को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, तो उसके अन्य सभी ऋण खातों को भी एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.

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  • क्या एनपीए मार्किंग प्रक्रिया के दौरान किसी दिवस के दौरान भुगतान/जमा की गई राशि पर विचार किया जाता है ?

    दिवस समाप्ति की प्रक्रिया (डे-एंड-प्रोसेस) से पूर्व प्राप्त क्रेडिट को आस्ति वर्गीकरण करते समय चूक की गणना के लिए पर्याप्त माना जाता है. बाद में प्राप्त किसी भी क्रेडिट को बाद के दिन के लिए रसीद के रूप में माना जाता है.

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  • एनपीए के रूप में वर्गीकृत होने के पश्चात उधारकर्ता खातों को नियमित स्थिति में कैसे अपग्रेड किया जाता है?

    एनपीए के रूप में वर्गीकृत किसी ऋण खाते को केवल उधारकर्ता के सभी ऋण खातों के नियमितीकरण और समीक्षा/नवीनीकरण से संबंधित मौजूदा अनियमितताओं में सुधार और ऋण खाते के स्टॉक और बुक ऋणों के नियमितीकरण पर ही मानक आस्ति के रूप में अपग्रेड किया जाएगा.

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  • किसी खाते के स्ट्रेस/एनपीए में स्लिप हो जाने पर उधारकर्ता पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है ?

    नियामक दिशानिर्देशों के अनुसार बैंक को समय-समय पर बड़े ऋणों की केंद्रीय रिपोजिटरी सूचना (सीआरआईएलसी), क्रेडिट सूचना कंपनियों आदि को दबाब /डिफ़ॉल्ट/एनपीए की रिपोर्ट करनी होती है जो उधारकर्ताओं के क्रेडिट इतिहास और मौजूदा प्रभावों पर असर पड़ता है.

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