बैंक ऑफ बड़ौदा ने "बड़ौदा स्व-रोजगार विकास संस्थान" ट्रस्ट की स्थापना की है, जिसके तहत बैंक ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थानों (RSETIs) को प्रायोजित कर रहा है। इसका उद्देश्य बेरोजगार युवाओं, विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि वे स्वयं के रोजगार से जुड़ सकें। वर्तमान में, देशभर में -65- बड़ौदा RSETI कार्यरत हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा के RSETI भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करते हैं
महत्वपूर्ण लक्ष्य एवं उद्देश्य
- युवाओं की पहचान करना, उन्हें मार्गदर्शन देना, प्रेरित करना, प्रशिक्षण देना और स्व-रोजगार योजनाओं को अपनाने के लिए आवश्यक ज्ञान एवं कौशल प्रदान करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने और ग्रामीण विकास परियोजनाओं में भाग लेने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना।
- प्रशिक्षित युवाओं को स्व-रोजगार से जुडने में सहायता प्रदान करना, उन्हें बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना तथा अपने स्वयं के उद्यमों की सफलता पूर्वक स्थापित करने में सहयोग करना।
- ग्रामीण तकनीक, ग्रामीण विकास और उद्यमिता विकास से संबंधित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करना, चाहे स्वतंत्र रूप से या अन्य संगठनों के सहयोग से।
- स्व-रोजगार और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में युवाओं को परामर्श और परामर्शदात्री मार्गदर्शन प्रदान करना तथा हर संभव सहायता उपलब्ध कराना।
- ग्रामवासियों के विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए कार्य करना।
प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए पात्रता मानदंड
कोई भी बेरोजगार युवा, जिसकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच हो, जाति, पंथ, धर्म, लिंग और आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना, जो स्व-रोजगार या वेतनभोगी रोजगार अपनाने की इच्छा रखता हो और संबंधित क्षेत्र में बुनियादी ज्ञान रखता हो, इस पूर्णतः निःशुल्क प्रशिक्षण में भाग ले सकता है।
महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना
हमारे RSETI विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करते हैं, जो राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा (National Skill Qualification Framework - NSQF) के अनुरूप हैं। कुछ प्रमुख गतिविधियाँ इस प्रकार हैं: