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अनिवासी (एनआरओ) (रुपया) - सावधि जमा (एनआरओ – एफडी)
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लाभ
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विशेषताएं
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सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
अनिवासी (एनआरओ) (रुपया) - सावधि जमा (एनआरओ – एफडी) : लाभ
- खाते और लेन-देन की गोपनीयता.
- ऋण और ओवरड्राफ्ट सुविधा उपलब्धो
- धनराशि की सुलभ तरलता.
- मित्रवत मार्गदर्शन.
- नामांकन के लिए प्रावधान
अनिवासी (एनआरओ) (रुपया) - सावधि जमा (एनआरओ – एफडी) : विशेषताएं
- बैंक की सुरक्षित अभिरक्षा (कस्टडी) में जमा रसीद नि:शुल्क रखने का विकल्प.
- 1 वर्ष और इससे अधिक की अवधि की परिपक्व सावधि जमा, देय तिथि पर लागू ब्याज दर पर एक वर्ष के लिए और परिपक्वता पर एक वर्ष से कम अवधि के लिए जारी सावधि जमा इसकी देय तिथि पर स्वतः नवीकृत हो जाएगी. ग्राहक से किसी विशेष निर्देश के अभाव में देय तिथि पर प्रचलित लागू ब्याज दर के साथ समान अवधि के लिए नवीकृत किया जाएगा.
- नियत तारीखों को सूचना से आप अपने वित्तीय पोर्टफोलियों की योजना बना सकते हैं.
- बेहतर ब्याज दर पर नवीनीकरण के उद्देश्य हेतु नवीकरण की मांग पर समय पूर्व आहरण की अनुमति बिना किसी दन्ड संबंधी शर्त के प्रदान की जाती है.
- निकट संबंधी (निवासीय) खाते के संयुक्त खाता धारक के लिए आवेदन कर सकते हैं.
अनिवासी (एनआरओ) (रुपया) - सावधि जमा (एनआरओ – एफडी) : सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
- केवल एनआरआई खाता खोल सकते हैं
- एनआरओ एफडी / एसबी: एनआरओ एफडी / एसबी खातों पर 30.90% कर कटौती सहित लागू अधिभार / सेस लगाया जाता है जहां डीटीएए लागू नहीं है या एनआरआई जमाकर्ता कर कटौती में छूट का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज / औपचारिकताएं उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं हैं. विदेशी कंपनी पर टीडीएस / कर राशि का @2.5% अधिभार लागू होगा यदि कंपनी की निवल आय रू. 1/- करोड़ से ज्यादा है.
- प्रमुख निधियां पूरी तरह से गैर-प्रत्यावर्तनीय है जबकि ब्याज विभिन्न स्रोतों से कर कटौती के पश्चात प्रत्यावर्तनीय है.
- ब्याज प्रति तिमाही आधार पर भुगतान/क्रेडिट किया जाता है (अर्थात मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर)
डुप्लीकेट सावधि जमा रसीद एवं गुम हुई सावधि जमा रसीदों के बदले डुप्लीकेट सावधि जमा रसीद जारी करने की प्रक्रिया
- जमाकर्ता से एक आवेदन प्राप्त किया जाना चाहिए.
- आवेदकों की ठीक से पहचान की जानी चाहिए.
- डुप्लीकेट रसीद केवल उन्हीं मामलों में जारी की जा सकती है जहां जमा की अनेक्स्पायर्ड अवधि 12 महीने से अधिक हो.
- अन्य सभी मामलों में जमाकर्ता को केवल जमा की पावती दी जा सकती है.
- सभी मामलों में एक क्षतिपूर्ति बांड निर्धारित प्रारूप में प्राप्त किया जाना चाहिए.
- इसमें शामिल राशि के लिए एक या दो जमानतदारों का होना अच्छा माना जाता है, उन्हें जमाकर्ता के साथ क्षतिपूर्ति संबंधी कार्रवाई का निष्पादन करना होगा. जमानत/जमानत पर क्रेडिट रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में तैयार की जाए और रिकॉर्ड में रखी जाए.
- इसे कम से कम 12 महीने की अवधि के लिए नवीनीकृत किया जाता है, यदि जमाकर्ता के अन्य खाते ठीक से परिचालित हैं.